Maharashtra Election 2024: चुनाव आयोग की नवीनतम जानकारी के अनुसार, महायुति गठबंधन महाराष्ट्र में 149 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रहा है, जो सत्ता विरोधी भावनाओं और शिवसेना तथा एनसीपी के बीच फूट को लेकर आलोचना सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद संभावित रूप से सरकार बनाने की स्थिति में है। यहाँ कुछ प्रमुख रणनीतियाँ दी गई हैं, जिन्होंने उनके पुनरुत्थान में योगदान दिया:
मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे की नियुक्ति: एक प्रमुख मराठा नेता शिंदे को नियुक्त करने के भाजपा के फैसले ने मराठा गौरव को आकर्षित करके और शिवसेना (यूबीटी) के प्रभाव को कम करके उन्हें गति प्राप्त करने में मदद की। शिंदे को कई मतदाताओं ने सकारात्मक रूप से देखा, जबकि ठाकरे परिवार को बाहरी माना जाता था।
लड़की बहन योजना जैसी कल्याणकारी पहल: लड़की बहन योजना के सफल कार्यान्वयन, जिसने महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की, उसने पारंपरिक रूप से एमवीए से जुड़े परिवारों से समर्थन प्राप्त किया। चुनाव से पहले टोल शुल्क हटाने से भी उनकी अपील में योगदान मिला।
हिंदू और मुस्लिम दोनों मतदाताओं को आकर्षित करना: महायुति गठबंधन ने हिंदू वोटों का प्रभावी ढंग से ध्रुवीकरण किया, साथ ही एनसीपी के एक मुस्लिम उम्मीदवार का समर्थन करके और मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करके मुस्लिम मतदाताओं तक पहुँच बनाई, जिससे एक अधिक समावेशी छवि पेश हुई।
स्थानीय राजनीति पर ध्यान: भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे राष्ट्रीय हस्तियों के बजाय स्थानीय नेताओं पर जोर देने के लिए अपनी रणनीति बदल दी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चुनाव प्रचार में केंद्रीय भूमिका निभाई।
आरएसएस के साथ सहयोग: भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया, जिससे जमीनी स्तर पर लामबंदी करने और घर-घर जाकर पार्टी के संदेश को फैलाने में मदद मिली। उन्होंने मतदाताओं को सूचित करने और रैली करने के लिए भूमि जिहाद और धार्मिक तनाव जैसे प्रमुख मुद्दों को उजागर किया।
कुल मिलाकर इन रणनीतियों ने महायुति गठबंधन को अपनी चुनौतियों से निपटने और महाराष्ट्र चुनावों में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल करने में मदद की।
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