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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा उठाए गए डबल वोटिंग के आरोप अब कानूनी जटिलता में बदल गए हैं। राहुल गांधी ने एक दस्तावेज़ का हवाला देते हुए यह दावा किया था कि चुनाव आयोग का रिकॉर्ड दर्शाता है कि शगुन रानी नामक महिला के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं, और पोलिंग बूथ अधिकारी द्वारा किए गए टिक मार्क से यह साबित होता है कि शगुन रानी ने दो बार वोट डाला। अब यह मामला राहुल गांधी के लिए एक कानूनी चुनौती बन गया है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इस आरोप को पूरी तरह से नकार दिया है।
कर्नाटका के मुख्य चुनाव आयुक्त ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर उनसे इस दावे का प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा है। चुनाव आयोग के अनुसार, उनकी जांच में यह सामने आया है कि शगुन रानी ने दो बार वोट नहीं डाला। अब सवाल यह उठता है कि यदि राहुल गांधी का दावा गलत साबित होता है, तो क्या होगा?
इसकी गंभीरता को देखते हुए चर्चा हो रही है कि राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 337 के तहत कार्रवाई हो सकती है। लेकिन यह धारा 337 क्या है और इसे कब लागू किया जाता है?
धारा 337: फर्जीवाड़े से संबंधित कानून
भारतीय दंड संहिता की धारा 337 गंभीर अपराधों से जुड़ी है। यह धारा विशेष रूप से सरकारी दस्तावेजों या न्यायालयिक रिकॉर्ड में जालसाजी करने पर लागू होती है। यदि कोई व्यक्ति सरकारी दस्तावेज़, जैसे वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, जन्म-मृत्यु रजिस्टर, विवाह प्रमाण पत्र, या अन्य सरकारी प्रमाणपत्र में हेरफेर करता है, तो उसे इस धारा के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।
राहुल गांधी के मामले में, जिन दस्तावेज़ों को उन्होंने चुनाव आयोग के सामने प्रस्तुत किया था, वे तथ्यों के खिलाफ पाए गए हैं। यह आरोप है कि उन्होंने चुनाव आयोग के दस्तावेज़ों को गलत तरीके से पेश किया और उसमें हेरफेर किया, जो उन्हें इस धारा में लाकर खड़ा कर सकता है।
कानूनी परिणाम और सजा
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि राहुल गांधी का दावा झूठा साबित होता है और उन्होंने किसी दस्तावेज़ को फर्जी तरीके से प्रस्तुत किया है, तो उन्हें कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है। धारा 337 के तहत दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 7 साल तक की कड़ी सजा हो सकती है। इसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस अपराध को गैर-जमानती (non-bailable) माना जा सकता है, यानी यदि दोषी पाए गए तो उन्हें अदालत से जमानत प्राप्त करने के लिए पहले गिरफ्तार किया जाएगा।
क्या राहुल गांधी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा?
यह सवाल अब चर्चा का केंद्र बन चुका है कि राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए आरोपों के बाद क्या कानूनी कार्रवाई होगी। राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मामला कांग्रेस के लिए और राहुल गांधी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, खासकर जब यह चुनाव आयोग के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने के आरोपों से जुड़ा है। अब देखना यह है कि क्या चुनाव आयोग इस मामले में और कितनी गंभीर कार्रवाई करता है और क्या राहुल गांधी के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्रवाई होती है।
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