Up Kiran, Digital Desk: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई, जिसमें छह नक्सली मारे गए। इस ऑपरेशन के दौरान दो पुलिस जवान शहीद हो गए। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान में यह अब तक का एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
नक्सल विरोधी अभियान में हुई मुठभेड़
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह मुठभेड़ दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा के पास वन्य गंगालूर इलाके में हुई। जिले रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), और कोबरा (सीआरपीएफ की विशेष कमांडो इकाई) की संयुक्त टीम ने इस अभियान को अंजाम दिया। मुठभेड़ लगभग दो घंटे से जारी थी और इसमें छह नक्सली मारे गए। साथ ही, जवानों ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को घेर लिया है और मुठभेड़ अभी भी जारी है, जिससे मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
मुठभेड़ में शहीद हुए दो पुलिस जवान
मुठभेड़ में शहीद हुए दो पुलिस जवानों की पहचान डीआरजी से जुड़ा होने के कारण की गई है। दंतेवाड़ा के डीआईजी कमलोचन कश्यप ने बताया, "अभी तक छह नक्सलियों के शव बरामद हो चुके हैं और मुठभेड़ अभी भी जारी है।"
इस साल अब तक 268 नक्सली मारे गए
इस मुठभेड़ के साथ ही इस साल छत्तीसगढ़ में कुल 268 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 239 नक्सली बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में मारे गए हैं, जिनमें बीजापुर और दंतेवाड़ा प्रमुख हैं। वहीं, 27 अन्य रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में मारे गए। दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो नक्सली मारे गए। यह आंकड़ा इस साल के नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता को दर्शाता है।
आत्मसमर्पण करने वाले 37 नक्सली, सरकार की पुनर्वास योजना
इससे पहले, 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। इनमें से 27 पर इनाम घोषित था, जिनकी कुल राशि 65 लाख रुपये थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये आत्मसमर्पण "पूना मार्गेम" योजना के तहत हुआ, जो नक्सलियों के पुनर्वास और समाज में पुनः मिलाने के उद्देश्य से संचालित की जाती है।
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