Up kiran,Digital Desk : ग्रामीण रोजगार से जुड़े नए कानून वीबी-जी राम जी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस कानून को लेकर कुछ लोग जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि गांव-गांव तक सही जानकारी पहुंचाना बेहद जरूरी है, ताकि लोगों को इस योजना के असली फायदे समझ में आ सकें।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अलग-अलग राज्यों से आए रोजगार सहायकों के साथ बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण), यानी वीबी-जी राम जी कानून, एक अहम और ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने बताया कि यह कानून मनरेगा की जगह लाया गया है और इसे पहले से ज्यादा व्यावहारिक और असरदार बनाने की कोशिश की गई है। मंत्री के मुताबिक, सरकार की प्राथमिकता यह है कि इस योजना को लेकर फैल रही गलतफहमियों को जल्द से जल्द दूर किया जाए।
प्रशासनिक खर्च में बदलाव
शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि नए ग्रामीण रोजगार कानून के तहत प्रशासनिक खर्च की सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया गया है। कुल प्रस्तावित बजट करीब 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपये है, जिसमें से 13 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक जरूरतों के लिए रखी गई है। उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उनकी परेशानियां कम होंगी।
निगरानी पर रहेगा जोर
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासनिक खर्च बढ़ने का मतलब फिजूलखर्ची नहीं है। उन्होंने कहा कि वाहनों या गैर-जरूरी मदों पर खर्च को रोकने के लिए सख्त निगरानी की जाएगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पैसा सही जगह खर्च हो और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध रहे।
रोजगार के दिन बढ़े
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जहां मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी, वहीं वीबी-जी राम जी कानून में इसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। उनके अनुसार, यह सिर्फ रोजगार के दिनों की संख्या बढ़ाने का फैसला नहीं है, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है। इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ता और वेतन भुगतान में देरी होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। मजदूरी की मौजूदा दरें जारी रहेंगी और हर साल उनमें बढ़ोतरी भी की जाएगी।




