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Up Kiran, Digital Desk: आज हम आपको एक ऐसे ही गाने की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने आज से लगभग पाँच दशक पहले पूरे देश में सनसनी फैला दी थी।

साठ और सत्तर के दशक की बात है। भारत एक बड़े सामाजिक बदलाव से गुज़र रहा था। पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ रहा था, हिप्पी आंदोलन ज़ोरों पर था और युवाओं की जीवनशैली में एक नई सोच देखने को मिल रही थी। सिनेमा भी इस बदलाव से अछूता नहीं रहा। फ़िल्मों में क्लासिक और मॉडर्न चीज़ों का एक अनोखा मेल बड़े परदे पर नज़र आने लगा। संगीत और गानों में भी बड़े प्रयोग हुए, जिन्हें कुछ लोगों ने पसंद किया तो कुछ ने विवाद खड़ा किया। इसी कड़ी में एक ऐसा गाना आया जो उस दौर का सबसे ज़्यादा विवादास्पद गीत बन गया।

यह गीत ऐसा था कि इस पर रेडियो तक ने पाबंदी लगा दी थी। लेकिन, तमाम विरोध के बावजूद यह ब्लॉकबस्टर साबित हुआ। वह ऐसा समय था जब कलाकार और निर्देशक नए-नए जोखिम ले रहे थे, पुरानी रूढ़ियों और विचारों को चुनौती दे रहे थे। इसी माहौल में सामने आया 'दम मारो दम', जिसने संगीत जगत में हलचल मचा दी और लोगों के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी। यह गाना 1971 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' का हिस्सा था। इसे आशा भोसले ने अपनी आवाज़ दी थी, आर डी बर्मन ने संगीत रचा था और आनंद बक्शी ने इसके बोल लिखे थे।

यह यादगार गाना उस समय की बोल्ड अभिनेत्री ज़ीनत अमान पर फ़िल्माया गया था। इसकी धुन बाक़ी गानों से बिल्कुल अलग, जोशीली और बेबाक थी। इसमें हिप्पी संस्कृति की साफ़ झलक दिखाई गई थी। जल्द ही, यह गीत युवाओं के बीच उनकी आज़ादी का प्रतीक बन गया और भारतीय पॉप कल्चर का एक सिंबल बन गया।

हालांकि, 'दम मारो दम' ने उस ज़माने में भारी विवाद खड़ा कर दिया। कई लोगों ने इसे "समाज विरोधी" बताया। ज़ीनत अमान का परदे पर चिलम पीते हुए दिखना और "दम मारो दम" जैसे बोल उस दौर के लिए बहुत ज़्यादा बोल्ड माने गए। रूढ़िवादी समाज ने इस गाने की ख़ूब आलोचना की और इसे बैन करने की मांग उठने लगी। विवाद इतना बढ़ा कि ऑल इंडिया रेडियो ने भी इस गाने के प्रसारण पर रोक लगा दी।

मगर, लोगों का प्यार इस पाबंदी से कम नहीं हुआ। गाना इतना हिट हुआ कि यह 1972 की बिनाका गीतमाला में लगातार 12 हफ़्तों तक नंबर वन पर अपनी जगह बनाए रहा।

अगर इस फ़िल्म की बात करें तो देव आनंद ने इसे लिखा, निर्देशित और प्रोड्यूस किया था। इसमें देव आनंद, ज़ीनत अमान, मुमताज़ और प्रेम चोपड़ा जैसे बड़े कलाकार थे। फ़िल्म की कहानी भाई-बहन के रिश्ते और हिप्पी कल्चर में बढ़ते ड्रग्स के असर पर आधारित थी।