
Up Kiran, Digital Desk: दिवाली का त्योहार रौशनी और खुशियों का त्योहार होता है, और यह त्योहार हर घर में एक नई उम्मीद लेकर आता है। इस साल महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे उन लाखों महिलाओं की दिवाली भी और रोशन होने वाली है, जो चुपचाप हमारे समाज की नींव को मज़बूत करने का काम करती हैं।
यह खुशखबरी है प्रदेश की उन हज़ारों-लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए, जो दिन-रात गाँव-गाँव और गली-गली में घूमकर हमारे नन्हे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ख्याल रखती हैं।
सरकार की तरफ से 'दिवाली का इनाम'
महाराष्ट्र सरकार ने यह ऐलान किया है कि एकीकृत बाल विकास सेवा योजना (ICDS) के तहत काम करने वाली सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को दिवाली के मौके पर 2000 रुपये का विशेष उपहार दिया जाएगा।
यह सिर्फ़ पैसा नहीं, मेहनत का सम्मान है
यह 2000 रुपये की राशि सिर्फ एक बोनस नहीं है। यह उन महिलाओं के अथक परिश्रम और उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए एक 'धन्यवाद' है। ये वही आंगनवाड़ी बहनें हैं, जो कड़कती धूप और भारी बारिश में भी यह सुनिश्चित करती हैं कि किसी बच्चे का टीकाकरण न छूटे, किसी गर्भवती महिला को सही पोषण की जानकारी मिले और कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाए। वे हमारे समाज की असली हीरो हैं, जो बहुत ही कम मानदेय पर एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी निभाती हैं।
सरकार का यह फैसला उनके लिए दिवाली की एक बड़ी सौगात है। इस पैसे से शायद वे अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीद सकेंगी, घर के लिए मिठाई ला सकेंगी या अपनी कोई छोटी-मोटी ज़रूरत पूरी कर सकेंगी। यह एक छोटा सा कदम है, लेकिन यह उन हज़ारों परिवारों के चेहरों पर एक बड़ी मुस्कान लाने का काम करेगा जो हमारे भविष्य को संवारने में लगे हैं।