झुंझुनू लोकसभा सीट पर भाजपा की स्थिति विकट होती जा रही है। यूं कहें कि भाजपा अपनों से ही घिरती नजर आ रही है। झुंझुनूं से भाजपा की ओर से शुभकरण चौधरी को मैदान में उतारा गया है तो उनके सामने कांग्रेस के बृजेंद्र ओला है, जो निरंतर कद्दावर नेता रहे विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं। बृजेंद्र ओला का जिक्र करें तो ये सचिन पायलट गुट से आते हैं।
अब शुभकरण चौधरी का हम जिक्र करते हैं। शुभकरण चौधरी को विधानसभा इलेक्शन में हार का सामना करना पड़ा था, मगर एक बार फिर शीर्ष नेतृत्व के भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से शुभकरण चौधरी पर विश्वास जताया गया और उन्हें झुंझुनू लोकसभा सीट से उतारा गया। मगर जैसे ही शुभकरण चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया, विरोध के स्वर तेज हो गए। यूं कहें कि अपनों से ही कहीं ना कहीं भाजपा घिरती नजर आ रही है।
पहले राजेंद्र राठौड़ ने उनका जिक्र किया, पैनल को शामिल किया। उसके बाद शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट आगे भेजी और उनके नाम पर मोहर लगी। मगर वहीं स्थानीय पदाधिकारी थे, स्थानीय नेता थे। वो शुभकरण चौधरी के विरोध में उतर गए थे यहां तो एक तरफा विरोध साफ तौर पर शुभकरण चौधरी के लिए देखने को मिल रहा था। मगर दूसरा जिक्र करें राजेंद्र गुडा का। राजेंद्र गु़डा ने भी शुभकरण चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। भ्रष्टाचार के आरोप शुभकरण चौधरी पर लगाए। इसके साथ साथ ही रैलियां जो है राजेंद्र गुढा की ओर से निकाली गई। यूं कह सकते हैं कि इस सीट पर भाजपा की स्थिति विकट होती हुई नजर आ रही है।
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