Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि में अष्टमी तिथि का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है. कहते हैं कि इस दिन मां दुर्गा अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं. दरअसल, शास्त्रों में भी इस तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां भगवती ने दुष्ट राक्षस महिषासुर का अंत कर संसार को उसके आतंक से मुक्त किया था. इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी तिथि का खास महत्व है. इस साल यह शुभ तिथि 30 सितंबर को मनाई जाएगी.
वैसे तो नवरात्रि के हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, लेकिन अष्टमी पर मां गौरी की पूजा का विधान है. पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन की गई पूजा-पाठ का फल कई गुना अधिक मिलता है. अष्टमी तिथि को सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना गया है.
इस समय शुरू होगी अष्टमी तिथि
इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 सितंबर की शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 30 सितंबर की शाम 6 बजे तक रहेगी. इसलिए, उदया तिथि के अनुसार 30 सितंबर को ही अष्टमी मनाई जाएगी. इस साल की अष्टमी और भी खास है क्योंकि यह मंगलवार के दिन पड़ रही है, जो कि एक बहुत ही शुभ संयोग है.
एक मंत्र जो बदल सकता है आपका भाग्य
अष्टमी के दिन "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का 108 बार जाप करना बेहद फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस शक्तिशाली मंत्र के जाप से मां भगवती प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.
इस दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. प्रयास करें कि इस दिन लहसुन, प्याज और किसी भी तरह के तामसिक भोजन से दूर रहें. शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. सुबह स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहाएं और साफ, विशेषकर सफेद रंग के वस्त्र धारण कर मां की आराधना करें. पूरी श्रद्धा और साफ मन से की गई पूजा से आपको मां का आशीर्वाद जरूर मिलेगा.
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