BGT Trophy: भारतीय क्रिकेट टीम को 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भिड़ना है। इस बार यह मुकाबला पहले से कहीं ज्यादा अहम है, क्योंकि पहली बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। पहले यह सीरीज चार मैचों तक सीमित थी, मगर इस बार मैच की लंबाई बढ़ा दी गई है, जो भारतीय टीम के लिए और भी बड़ी चुनौती होगी।
बीते चार सीजन में भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को हराया है, जिसमें से दो बार टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया जाकर तिरंगा लहराया है। हालांकि, इस बार भारतीय टीम के लिए राह इतनी आसान नहीं होगी। हाल ही में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में 0-3 से क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा, जिससे न सिर्फ उनकी टीम की स्थिति प्रभावित हुई, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में उनकी उम्मीदों को भी बड़ा झटका लगा।
संदीप पाटिल का विश्वास और प्रेरणा
भारत की 1983 वनडे विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे संदीप पाटिल ने इस मुश्किल समय में भारतीय टीम को प्रेरित करने का काम किया है। पाटिल, जो भारतीय चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, ने अपनी किताब 'बियॉन्ड बाउंड्रीज' के विमोचन के दौरान कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि भारतीय टीम इन झटकों से उबरकर ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध बेहतर प्रदर्शन करेगी। पाटिल का मानना है कि भारतीय टीम को पिछली हार को पीछे छोड़कर अपने आगामी मैचों की तैयारी करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, "आपको सकारात्मक रवैया रखना होगा और उसी तरह खेलना होगा, तभी आपको बेहतर नतीजे मिलेंगे।" पाटिल ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब भारतीय टीम ने 1983 में विश्व कप जीता था, तो उससे पहले टीम सभी अभ्यास मैच हार गई थी, मगर उन्होंने हार को सबक के तौर पर लिया। इसी तरह भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के विरुद्ध हार को भी चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए।
न्यूजीलैंड के विरुद्ध भारतीय टीम की हार
न्यूजीलैंड के विरुद्ध हाल ही में हुई टेस्ट सीरीज ने भारतीय टीम को बड़ा सबक दिया है। ये सीरीज भारत के लिए काफी निराशाजनक रही, क्योंकि न्यूजीलैंड ने भारतीय धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय टीम को तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा और यह पहला मौका था जब टीम इंडिया को घर में तीन या उससे ज्यादा टेस्ट मैचों में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा।
इस सीरीज में टीम इंडिया के दोनों अहम बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए। उनके निराशाजनक प्रदर्शन ने भारतीय टीम की मुश्किलें और बढ़ा दी, मगर अब सबकी निगाहें ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर टिकी हैं।
भविष्य की आशाएँ
हालांकि भारतीय टीम हाल के नतीजों से निराश है, मगर संदीप पाटिल का कहना है कि टीम में अभी भी काफी संभावनाएं हैं और सभी को इससे काफी कुछ सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि टीम में कुछ बड़े खिलाड़ी हैं, जो मुश्किल वक्त में वापसी करेंगे।
रोहित सेना में अभी भी कुछ बेहतरीन क्रिकेटर हैं और वे इस मुश्किल दौर से उबरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। टीम को अपनी अगली सीरीज में सकारात्मक सोच के साथ उतरना होगा, क्योंकि अगर वे अपने खेल के स्तर को बनाए रखते हैं तो वे आगामी सीरीज में सफलता हासिल कर सकते हैं।
आखिर क्रिकेट का खेल अनिश्चितताओं से भरा होता है और भारतीय टीम का इतिहास खुद इस बात का गवाह है कि उनके लिए किसी भी चुनौती से पार पाना संभव है, बशर्ते वे हार से कुछ सीखें और आगे बढ़ें। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें रहेंगी और टीम इंडिया के प्रशंसकों को उम्मीद है कि वे अपने आत्मविश्वास के साथ यह सीरीज जीतने में सफल रहेंगे।
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