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Emergency controversy: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' विवादों में घिरी हुई है। सिख समुदाय ने फिल्म में सिखों को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया है। हालांकि, कंगना का दावा है कि फिल्म में सिर्फ सच दिखाया गया है। अभिनेत्री और मंडी की सांसद को कथित तौर पर जान से मारने की धमकियां भी मिली हैं। मूवी को पंजाब में सबसे ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बाद सीबीएफसी ने फिल्म में कई कट लगाए, जिसे निर्माताओं ने मानने से मना कर दिया और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर 19 सितंबर को फैसला आना है।

लेकिन सीबीएफसी और पंजाब से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने साल 2016 में रिलीज हुई एक फिल्म में भी कई कट लगाए थे और इस फिल्म का पंजाब में काफी विरोध हुआ था. साल 2016 में रिलीज हुई इस फिल्म का नाम 'उड़ता पंजाब' है. ये फिल्म पंजाब में नशे की लत में फंसे युवाओं और राजनीतिक मामलों से जुड़ी है. जब इसका ट्रेलर रिलीज हुआ था तब इसका काफी विरोध हुआ था।

मेकर्स और एक्टर्स को धमकियां मिलीं थीं. राजनीति भी गरमाई थी. ऐसे में सीबीएफसी ने सर्टिफिकेट देने से पहले 89 कट लगाए थे. लेकिन मेकर्स उन कट्स से सहमत नहीं थे।

हालांकि इसके निर्माता एकता कपूर, मधु मंटेना, विकास बहल और कई अन्य लोग थे, लेकिन अनुराग कश्यप ने इस मामले में आगे बढ़कर सीबीएफसी से लड़ाई की। उस समय सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी थे। अनुराग ने उन्हें तानाशाह कहा और भारत की तुलना उत्तर कोरिया से भी की। उन्होंने सीबीएफसी से फिल्म की फिर से समीक्षा करने को कहा, लेकिन समिति ने पंजाब से संबंधित संदर्भ हटाने और 89 कट लगाने को कहा।

उस समय सीबीएफसी की काफी आलोचना हुई थी और अनुराग कश्यप का कई फिल्म निर्माताओं ने समर्थन किया था। इसके बाद मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेकर्स के पक्ष में फैसला सुनाया था। 

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