
Up Kiran, Digital Desk: पुट्टपर्थी की विधायक पल्ले सिंधुरा रेड्डी ने रूरल डेवलपमेंट ट्रस्ट (RDT) को "गरीबों के लिए एक आशीर्वाद" बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से अपील की वह इस मामले में हस्तक्षेप करें और केंद्र सरकार से संस्था के FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) लाइसेंस को तत्काल रिन्यू करवाएं, ताकि संस्था के सेवा कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रह सकें।
क्या करती है RDT संस्था?विधायक सिंधुरा रेड्डी ने बताया कि RDT पिछले कई दशकों से बिना किसी जाति, धर्म या राजनीति के भेदभाव के निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर रही है। यह संस्था आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 3,891 गांवों में सक्रिय है और लगभग 4.5 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है।
RDT मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में काम करती है:
शिक्षा और स्वास्थ्य: गरीबों के लिए मुफ्त या बहुत कम लागत पर इलाज के लिए तीन बड़े अस्पताल चला रही है, जहां हर साल लगभग 8.5 लाख मरीजों का इलाज होता है और 15,000 से ज्यादा ऑपरेशन और इतनी ही डिलीवरी की जाती हैं।
आवास और सिंचाई: संस्था ने गरीबों के लिए हजारों घर, स्कूल और सिंचाई के लिए चेक डैम बनवाए हैं।
महिला सशक्तिकरण और खेल: RDT ग्रामीण युवाओं को खेलों में प्रशिक्षण भी देती है, जिससे कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
क्यों अटकी है विदेशी मदद?
RDT जैसी संस्थाओं को विदेशों से आर्थिक मदद लेने के लिए FCRA लाइसेंस की जरूरत होती है, जिसे समय-समय पर रिन्यू करवाना पड़ता है। विधायक सिंधुरा रेड्डी ने कहा कि अगर इस लाइसेंस को रिन्यू कर दिया जाता है, तो RDT आंध्र प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं जारी रख सकेगी और कल्याणकारी कार्यक्रमों का विस्तार भी कर पाएगी।