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Up Kiran, Digital Desk: मतदान का महापर्व खत्म हुआ. जिस जोश के साथ लोग वोट देने अपने गांव लौटे थे अब उसी परेशानी के साथ वापस अपने कामकाज की जगह जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं. विधानसभा चुनावों में वोट डालने आए हजारों प्रवासी मतदाता इस समय भारी मुश्किल में हैं. उन्हें वापस अपने शहरों दिल्ली मुंबई पंजाब गुजरात जैसे राज्यों में लौटने के लिए ट्रेन टिकट नहीं मिल पा रही है. नतीजतन कई लोग रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं.

वेटिंग लिस्ट 300 पार

चुनावी सप्ताह में बड़ी संख्या में लोग अपने गृहनगर पहुंचे थे. अब वोटिंग खत्म होने के बाद सबको वापस लौटना है. लेकिन भारतीय रेलवे की ट्रेनों में लगभग सीटें फुल हैं. कई महत्वपूर्ण ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट ढाई सौ से भी ऊपर तीन सौ तक पहुंच गई है. इससे यात्रियों की चिंता बढ़ गई है.

पटना जंक्शन आरा बक्सर दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे बड़े स्टेशनों पर यात्रियों की बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है. कई लोग तो टिकट न मिलने के कारण प्लेटफॉर्म पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. यात्रियों का कहना है कि वे पिछले दो-तीन दिनों से टिकट कंफर्म कराने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है.

दोगुना हुआ बस का किराया

दिल्ली में नौकरी करने वाले दरभंगा के रमेश ठाकुर ने बताया कि वह वोट डालने खास तौर पर गांव आए थे. "अब वापस जाना है पर टिकट नहीं मिल रही है. वेटिंग तो 300 के आसपास है. उधर बसों का किराया भी दोगुना हो गया है."

रेलवे के सूत्रों से पता चला है कि चुनाव और छठ पर्व के कारण यातायात का दबाव अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गया है. पटना मंडल के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जल्द ही कई स्पेशल ट्रेनें चलाने की योजना बनाई जा रही है. इससे फंसे हुए लोगों को कुछ राहत मिल सकेगी.

बस अड्डों का भी यही हाल है. वहां भी यात्रियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. प्राइवेट बस वालों ने किराया बढ़ा दिया है. इससे आम लोगों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ गई है.

स्थानीय प्रशासन ने रेलवे से भीड़ नियंत्रण और अतिरिक्त टिकट काउंटर खोलने के लिए अनुरोध किया है.