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Up Kiran, Digital Desk: गर्मियों का मौसम आते ही बाजार में एक ऐसा फल आने लगता है जो खासकर शुगर (मधुमेह) के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है - जी हाँ, हम बात कर रहे हैं जामुन की! काले रंग का यह रसीला फल स्वाद में तो लाजवाब होता ही है, साथ ही सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है, खासकर डायबिटीज को कंट्रोल करने में।

आयुर्वेद में जामुन को बहुत गुणकारी माना गया है। यह न सिर्फ खून और पेशाब में शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करता है, बल्कि पेट और पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखता है। इसके अलावा, जामुन खाने से दांत, आंखें, त्वचा, किडनी स्टोन और लिवर की समस्याओं में भी फायद होता है। विटामिन और फाइबर से भरपूर जामुन को शुगर में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, आइए जानते हैं आचार्य बालकृष्ण द्वारा बताए गए कुछ खास तरीकों के बारे में।

शुगर (डायबिटीज) में जामुन का उपयोग कैसे करें?

यहाँ जामुन को इस्तेमाल करने के 4 आसान तरीके दिए गए हैं:

पहला तरीका (गुठली का चूर्ण):

जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें और उसका चूर्ण बना लें।

अब, एक हिस्सा जामुन की गुठली का चूर्ण, एक हिस्सा सोंठ (सूखी अदरक) का चूर्ण और दो हिस्से गुड़मार बूटी का चूर्ण लें।

इन सभी चीजों को मिलाकर बारीक पीस लें और छान लें।

इस तैयार चूर्ण को एलोवेरा जूस में मिलाकर पी सकते हैं।

या फिर, इस चूर्ण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3 बार खा सकते हैं। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

दूसरा तरीका (जड़ का इस्तेमाल):

लगभग 100 ग्राम जामुन की जड़ लें और उसे अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।

थोड़ा पानी मिलाकर इसे पीस लें।

इस तैयार पेस्ट को 20 ग्राम मिश्री में मिलाकर सुबह-शाम खाएं। यह मधुमेह में फायदेमंद होगा।
(ध्यान दें: मधुमेह रोगी मिश्री का उपयोग अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करें।)

तीसरा तरीका (जामुन का पानी):

250 ग्राम पके हुए जामुน लें।

इन्हें आधा लीटर उबलते हुए पानी में डाल दें।

थोड़ी देर उबलने दें। जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाए, तो जामुन को उसी पानी में अच्छे से मसल (मैश कर) लें।

अब इस मिश्रण को छान लें।

इस पानी को दिन में 3 बार पिएं। यह शुगर कंट्रोल करने में मदद करेगा।

चौथा तरीका (छाल का उपयोग):

जामुन की छाल का उपयोग भी शुगर कम करने में किया जा सकता है।

इसके लिए जामुन की छाल को सुखाकर जला लें और उसकी राख बना लें।

रोजाना 625 मिलीग्राम से 2 ग्राम तक की मात्रा में इस राख का सेवन करें।

इससे मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

जरूरी सलाह: जामुन या किसी भी आयुर्वेदिक नुस्खे का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें, खासकर यदि आप पहले से ही मधुमेह की दवाएं ले रहे हैं।

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