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Up Kiran, Digital Desk: जब गुर्दे (किडनी) अपना कार्य पूरी तरह से करना बंद कर देते हैं, तो यह एंड-स्टेज रीनल डिजीज (ESRD) कहलाता है, जो क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का अंतिम और स्थायी चरण है। इस स्थिति में, गुर्दे शरीर से अपशिष्ट (waste) और अतिरिक्त तरल पदार्थ (fluid) को प्रभावी ढंग से फ़िल्टर नहीं कर पाते हैं, जिससे शरीर में खतरनाक पदार्थों का निर्माण होने लगता है। ESRD के मरीज़ों को जीवित रहने के लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है।

ESRD के लक्षण: किडनी की बीमारी के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। हालांकि, जब बीमारी अंतिम चरण में पहुँच जाती है, तो कई लक्षण उभर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

थकान और कमजोरी

मतली (Nausea) और उल्टी

भूख न लगना

सूजन (पैरों, टखनों या चेहरे पर)

पेशाब की मात्रा में बदलाव (कम या ज्यादा होना)

त्वचा में खुजली या सूखापन

सांस लेने में तकलीफ

सोने में कठिनाई

ध्यान केंद्रित करने में समस्या

मांसपेशियों में ऐंठन

ESRD के कारण:n ESRD का सबसे आम कारण क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) है, जो लंबे समय तक अनियंत्रित रहने पर गुर्दों को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचाता है। CKD के मुख्य कारणों में शामिल हैं:

मधुमेह (Diabetes)

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure / Hypertension)

हृदय रोग (Heart Disease)

गुर्दे की अन्य बीमारियाँ या संक्रमण

मूत्र पथ में रुकावट (Blockages in the urinary tract)

पारिवारिक इतिहास (Family history)

कुछ आनुवंशिक विकार (Genetic disorders)

डायलिसिस बनाम किडनी ट्रांसप्लांट:
जब गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं, तो दो मुख्य जीवनरक्षक उपचार उपलब्ध हैं:

डायलिसिस: यह एक प्रक्रिया है जिसमें एक मशीन (हीमोडायलिसिस) या पेट की झिल्ली (पेरिटोनियल डायलिसिस) का उपयोग करके रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। डायलिसिस जीवन को बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन यह गुर्दों के सभी कार्यों, जैसे हार्मोन का उत्पादन, की नकल नहीं कर सकता।

किडनी ट्रांसप्लांट: यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें किसी दाता (donor) से एक स्वस्थ गुर्दा प्राप्तकर्ता (recipient) के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह गुर्दा रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए एक 'जीवनरेखा' है क्योंकि यह डायलिसिस पर निर्भरता को समाप्त करता है और जीवन की गुणवत्ता तथा जीवन प्रत्याशा में काफी सुधार करता है।

किडनी ट्रांसप्लांट के लाभ:

बेहतर जीवन की गुणवत्ता: ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ता डायलिसिस की दैनिक दिनचर्या से मुक्त हो जाते हैं।

लंबी जीवन प्रत्याशा: ट्रांसप्लांट प्राप्तकर्ता अक्सर डायलिसिस पर रहने वालों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहते हैं।

कम जोखिम: स्वस्थ गुर्दा शरीर के कार्यों को बेहतर ढंग से नियंत्रित करता है।

दाता के प्रकार:

जीवित दाता (Living Donor): यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्वस्थ होने पर अपना एक गुर्दा दान करता है। यह दाता परिवार का सदस्य, दोस्त या कोई अजनबी भी हो सकता है। जीवित दाता से प्राप्त किडनी की सफलता दर अक्सर मृतक दाता से प्राप्त किडनी से अधिक होती है और प्रतीक्षा समय भी कम होता है।

मृतक दाता : यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी मृत्यु हो चुकी होती है और उसके गुर्दे दान किए जाते हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट ESRD वाले मरीजों के लिए सबसे बेहतर उपचार विकल्प माना जाता है, जो उन्हें एक नया और स्वस्थ जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है।

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