डेस्क। वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम आगे पीछे हो गया लगता है। साइंटिफिक सिस्टम गड़बड़ाने के कारण मौसम वैज्ञानिक वर्षा आदि के बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र की गणना अभी भी मौसम का सही अनुमान लगा ले रहा है। इस साल जुलाई की शुरुआत अच्छी बारिश से हुई है। तेज हवाओं संग बरसात से लोगों को गर्मी और उमस से काफी राहत मिली, लेकिन तापमान में खास गिरावट नहीं आई। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार हस्ति नक्षत्र अर्थात हथिया में मूसलाधार बारिश की संभावना है। इस बार 27 सितंबर से हस्त नक्षत्र लगेगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस मानसून सीजन के आखिरी दौर की बारिश अभी बाकी है। पंचांग अनुसार 27 सितंबर से हस्ति नक्षत्र लग रहा है और वर्षा ऋतु के इस अंतिम नक्षत्र में सप्ताह भर लगातार अच्छी बारिश के आसार हैं। किसानों को हस्ति या हथिया नक्षत्र का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस नक्षत्र के जल को फसलों के लिए बेहतर माना गया है। हथिया में झमाझम बारिश के साथ ठंड की सिहरन भी शुरू हो जाती है।
खेतिहर समाज के महाकवि घाघ की कहावतें भी बता रही हैं कि इस बार हथिया नक्षत्र में अच्छी वर्षा के आसार हैं। महाकवि घाघ ने लिखा है, अद्रा नक्षत्र और हथिया नक्षत्र में होने वाले बारिश पर खरीफ व रवि फसलों का दारोमदार होता है। यह नक्षत्र धान के लिए अमृत का काम करता है। इस समय पुरवा नक्षत्र बीतने वाला है। इसके बाद उत्तरा नक्षत्र लगेगा। उत्तरा के बाद हस्ति या हथिया नक्षत्र लगेगा।
इस साल उत्तरा नक्षत्र लगने से पहले ही पुरवाई शुरू हो गयी है। पुरवाई का साथ पाते ही वर्षा चक्र सक्रिय हो जाता है। वैसे किसान उत्तरा में ही वर्षा की उम्मीद छोड़ चुके होते हैं, लेकिन पुरवा बयार ने किसानों की उम्मीदें जगा दी हैं। इसलिए किसानों के चेहरों पर मुस्कान आना तय है। महाकवि घर की कहावत 'धन्य भाग, जहां बरसे कुवार' अर्थात जहां के किसानों का भाग्य प्रबल होता है वहीँ अश्वनी मास में वर्षा होती है।
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