
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक बड़ा और विवादास्पद दावा किया है। उन्होंने कहा है कि ईरान और इज़राइल के बीच वर्तमान में जारी तनाव और संभावित युद्ध जैसी स्थिति, अगर वे राष्ट्रपति होते तो कभी नहीं बनती, क्योंकि उन्होंने अतीत में ही इस संघर्ष को 'समाप्त' कर दिया था।
ट्रम्प ने अपने इस दावे के पीछे ईरान के शीर्ष सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या को मुख्य कारण बताया। जनवरी 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई थी, जिसे ट्रम्प ने 'दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी' करार दिया था।
एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रम्प ने कहा, "मैं आपको गारंटी देता हूं, अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह (ईरान-इज़राइल संघर्ष) कभी नहीं होता।" उन्होंने दावा किया कि सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान 'उनसे उलझना नहीं चाहता था' और इसी वजह से क्षेत्र में शांति बनी रही। ट्रम्प ने अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान बाइडेन प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शांति और स्थिरता थी, जबकि मौजूदा तनाव के लिए उन्होंने बाइडेन प्रशासन की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया।
ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर है, खासकर ईरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद। यह बयान उनके आगामी राष्ट्रपति चुनाव अभियान का भी हिस्सा माना जा रहा है, जहाँ वे अपनी विदेश नीति के फैसलों को मजबूत और प्रभावी साबित करने का प्रयास कर रहे हैं।
यह दावा भू-राजनीतिक विश्लेषकों के बीच बहस का विषय बन गया है, क्योंकि ईरान-इज़राइल संघर्ष दशकों पुराने जटिल मुद्दों पर आधारित है, जिसे किसी एक घटना या नेतृत्व से पूरी तरह 'समाप्त' करना मुश्किल माना जाता है।
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