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Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के मैदान पर कुछ कारनामे ऐसे होते हैं जो हमेशा के लिए यादों में बस जाते हैं। उनमें से एक है एक ही वनडे मैच में अर्धशतक जमाना और पांच विकेट चटकाना। यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं होती, बल्कि किसी खिलाड़ी के खेल को पूरी तरह परिभाषित कर देती है। ये वो मुकाम है, जहां बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में महारत रखने वाले खिलाड़ी खेल की धारा को अपनी मुट्ठी में कर लेते हैं।

आज हम ऐसे ही कुछ खास ऑलराउंडरों के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने इस दोहरी जिम्मेदारी को न केवल निभाया, बल्कि ऐतिहासिक अंदाज़ में अंजाम दिया।

जब डंडीन में 'सर' बने विव रिचर्ड्स

18 मार्च 1987, न्यूजीलैंड बनाम वेस्ट इंडीज, डंडीन। क्रिकेट इतिहास में दर्ज होने वाली एक खास तारीख। वेस्ट इंडीज के दिग्गज खिलाड़ी विव रिचर्ड्स ने इस दिन दिखाया कि वह सिर्फ बल्‍ले से नहीं, गेंद से भी उतने ही खतरनाक हैं। रिचर्ड्स ने पहले 119 रनों की शानदान पारी खेली और फिर गेंदबाज़ी में भी कमाल करते हुए 5 विकेट चटकाए, वो भी सिर्फ 41 रन देकर। यह परफॉर्मेंस आज भी क्रिकेट प्रेमियों के ज़हन में ताज़ा है।

श्रीकांत की विस्फोटक वापसी

10 दिसंबर 1988, विशाखापत्तनम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला हो रहा था। भारत के ओपनिंग बल्लेबाज क्रिस श्रीकांत ने अपने पुराने तेवर में लौटते हुए 70 रनों की तेज़ पारी खेली। लेकिन असली सरप्राइज तब आया जब उन्होंने गेंद संभाली। श्रीकांत ने गेंदबाज़ी में भी कहर ढाते हुए सिर्फ 27 रन देकर 5 विकेट झटक लिए। एक बल्लेबाज का ऐसा प्रभाव शायद ही कभी देखने को मिलता है।

मेलबर्न की शाम और मार्क वॉ की चमक

15 दिसंबर 1992, जगह थी मेलबर्न और सामने थी वेस्ट इंडीज की मजबूत टीम। ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर मार्क वॉ ने पहले बल्ले से 57 रन जोड़े और फिर गेंद से विपक्ष की कमर तोड़ दी। उन्होंने 5 विकेट अपने नाम किए, वो भी महज 24 रन खर्च कर। यह मैच उनके ऑलराउंडर अवतार की असली पहचान बन गया।

लाहौर में क्लूसनर का तूफान

6 नवंबर 1997, लाहौर में साउथ अफ्रीका और श्रीलंका आमने-सामने थे। दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर लांस क्लूसनर ने यहां वो कर दिखाया, जो सिर्फ महान खिलाड़ी कर पाते हैं। उन्होंने न सिर्फ 54 रनों की अहम पारी खेली, बल्कि गेंदबाज़ी में तो जैसे तबाही मचा दी। 6 विकेट झटकते हुए उन्होंने 49 रन दिए और मैच पूरी तरह दक्षिण अफ्रीका की झोली में डाल दिया।

रज्जाक की 'मैच-विनिंग' मोहलत

21 जनवरी 2000, भारत बनाम पाकिस्तान, जगह थी हॉबार्ट। मुकाबले में पाकिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी अब्दुल रज्जाक ने ऐसी पारी खेली, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल है। नाबाद 70 रन बनाए और साथ ही 5 विकेट झटककर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उनका प्रदर्शन इस बात का उदाहरण है कि एक ऑलराउंडर टीम की किस तरह काया पलट सकता है।