
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की राजनीति में तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच की दुश्मनी और कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है। यहां के नेताओं के बीच की बयानबाजी अक्सर सारी हदें पार कर जाती है। लेकिन मंगलवार को सिलीगुड़ी के एक अस्पताल में एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी अचानक उस अस्पताल में पहुंच गईं, जहां BJP के सांसद खागेन मुर्मू भर्ती थे। और खास बात यह है कि खागेन मुर्मू कथित तौर पर TMC कार्यकर्ताओं के साथ हुई एक झड़प में ही घायल हुए थे!
यह सिर्फ एक मुलाकात नहीं, एक बड़ा सियासी संदेश था
यह घटना बंगाल की राजनीति का वो पहलू दिखाती है, जो बहुत कम देखने को मिलता है। एक तरफ जहां BJP लगातार यह आरोप लगा रही है कि उनके सांसद पर TMC के गुंडों ने हमला किया है, वहीं दूसरी तरफ उसी TMC की सबसे बड़ी नेता खुद उस घायल सांसद का हालचाल लेने पहुंच गईं।
क्या हुआ अस्पताल में?: ममता बनर्जी सीधे खागेन मुर्मू के कमरे में गईं। उन्होंने वहां मौजूद डॉक्टरों से उनकी सेहत के बारे में पूरी जानकारी ली। उन्होंने मुर्मू से भी बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
क्यों थे खागेन मुर्मू अस्पताल में: मालदा उत्तर से बीजेपी के सांसद खागेन मुर्मू को कुछ दिन पहले सिलीगुड़ी के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
BJP का आरोप: BJP का कहना है कि उनके सांसद पर TMC कार्यकर्ताओं ने एक कार्यक्रम के दौरान जानलेवा हमला किया था, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं। इस घटना के बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच जबरदस्त राजनीतिक बवाल मचा हुआ है।
TMC का पलटवार: वहीं, TMC इन सभी आरोपों को झूठा बता रही है और इसे BJP की आंतरिक कलह का नतीजा बता रही है।
इस मुलाकात के क्या हैं मायने: ऐसे तीखे राजनीतिक माहौल में, ममता बनर्जी का अपने सबसे बड़े विरोधी दल के घायल सांसद से मिलने जाना कई बड़े संकेत देता है:
इंसानियत का संदेश: यह एक मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी जिम्मेदारी और एक इंसान के तौर पर उनकी मानवीयता को दिखाता है। संदेश साफ है - राजनीति अपनी जगह है, लेकिन इंसानियत उससे ऊपर है।
एक मंझी हुई सियासत: राजनीतिक पंडित इसे ममता का एक 'मास्टरस्ट्रोक' भी मान रहे हैं। इस एक कदम से उन्होंने BJP के "बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है" वाले नैरेटिव को थोड़ा कमजोर करने की कोशिश की है। वह यह दिखाना चाहती हैं कि वह बदले की राजनीति नहीं करतीं।
तनाव कम करने की कोशिश?: हो सकता है कि यह राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव को कम करने की एक कोशिश हो, ताकि हालात और न बिगड़ें।
कारण चाहे जो भी हो, बंगाल की इस आग उगलती सियासत में यह एक ठंडी हवा के झोंके की तरह है। यह एक दुर्लभ पल था, जब दो कट्टर राजनीतिक दुश्मनों ने एक-दूसरे को दुश्मन की तरह नहीं, बल्कि एक इंसान की तरह देखा।