Uttarakhand land law आज ऋषिकेश में मूल निवास और भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की ओर से एक विशाल स्वाभिमान महारैली आयोजित की गई। इस रैली में बड़ी संख्या में समिति के सदस्यों ने भाग लिया और सरकार से मूल निवास एवं भू-कानून की मांग की। रैली का मार्ग आईडीपीएल से त्रिवेणीघाट तक था।
समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि उनकी समिति लंबे समय से उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून और मूल निवास की मांग कर रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि सशक्त भू-कानून के अभाव में उत्तराखंड की शांत वादियाँ अपराध का अड्डा बन गई हैं।
समिति ने प्रदेश में बढ़ते ड्रग्स माफिया, भू-माफिया और खनन माफिया के गोरखधंधों पर भी चिंता जताई। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भू-कानून लागू करने की जरुरत को रेखांकित किया।
इसके अलावा, समिति ने 1950 के मूल निवासी कानून को लागू करने की मांग की और वक्त वक्त पर मूल और स्थाई निवासियों का सर्वेक्षण कराने की जरुरत पर जोर दिया। डिमरी ने कहा कि यदि उत्तराखंड की जनता जल्द नहीं जागी, तो भविष्य में प्रदेश की स्थिति दयनीय हो सकती है।
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि उनकी सरकार वृहद भू-कानून लाने जा रही है, जिसका प्रस्ताव अगले साल बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि, समिति जल्द से जल्द भू-कानून को लागू करने की मांग कर रही है।
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