img

Up Kiran, Digital Desk: देशभर में अभिभावकों और स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता उस समय चरम पर पहुंच गई जब 159 से अधिक स्कूलों को एक ही पैटर्न पर ईमेल के माध्यम से बम धमाके की धमकियां मिलीं। इन ईमेल्स ने न केवल स्कूल प्रशासन को हिला कर रख दिया, बल्कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट मोड में डाल दिया है।

उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों के स्कूल भी इस धमकी की चपेट में आए हैं। अकेले मेरठ में 10 स्कूलों को यह खतरनाक संदेश भेजा गया है।

एक खतरनाक संदेश जो पूरे देश को दहशत में डाल गया

मंगलवार दोपहर इन स्कूलों को एक बेहद आपत्तिजनक और डराने वाला ईमेल मिला, जिसमें न सिर्फ जान से मारने की धमकी दी गई थी, बल्कि विस्फोटक पदार्थ रखने का दावा भी किया गया था। मेल में कहा गया कि इमारत के भीतर उच्च श्रेणी के विस्फोटक पदार्थ छिपाए गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान किया जाएगा।

मेल की भाषा और इरादे बेहद उग्र और नफरत भरे थे। ईमेल भेजने वालों ने भारत की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की मंशा भी जाहिर की और मासूम बच्चों को निशाना बनाने की धमकी देकर सनसनी फैला दी।

शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और साइबर सुरक्षा की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर वर्षों से चर्चा होती रही है, लेकिन इस प्रकार की एक राष्ट्रीय स्तर की साइबर धमकी ने यह जता दिया है कि अभी भी कई स्तरों पर सुरक्षा कमज़ोर है।

कई स्कूलों ने फिलहाल छात्रों की उपस्थिति कम कर दी है और कुछ जगहों पर अस्थायी रूप से कक्षाएं स्थगित की गई हैं।

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय

जैसे ही स्कूल प्रशासन को धमकी भरा ईमेल मिला, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके बाद स्थानीय पुलिस के साथ-साथ बम निरोधक दस्ते और दमकल विभाग की टीमें भी स्कूल परिसरों में तैनात की गईं। विशेष जांच एजेंसियां ईमेल की तकनीकी पड़ताल कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह धमकी कहां से और किसने भेजी है।

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि मेल में दो नामों  'रोडकिल' और ‘साइलेंस’ का ज़िक्र किया गया है, जिन्हें कथित तौर पर इस संभावित आतंकी धमकी के पीछे जिम्मेदार बताया गया है।