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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम अफ्रीकी देश माली में हिंसा और आतंक की बढ़ती घटनाओं के बीच, भारत को एक गंभीर झटका लगा है। माली के कायेस क्षेत्र में कार्यरत तीन भारतीय नागरिकों के अपहरण की खबर सामने आने के बाद भारत सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और उनकी सुरक्षित रिहाई की मांग करते हुए माली प्रशासन पर आवश्यक कार्रवाई का दबाव बनाया है।

यह घटना 1 जुलाई 2025 को घटी, जब डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे भारतीय कर्मचारी एक समन्वित हमले में अगवा कर लिए गए। विदेश मंत्रालय ने इसे “हिंसा का निंदनीय और अस्वीकार्य कृत्य” बताते हुए कड़े शब्दों में इसकी भर्त्सना की है।

कायेस में हुआ सुनियोजित हमला, भारतीय मजदूर बने निशाना

विदेश मंत्रालय के अनुसार, हथियारों से लैस एक समूह ने डायमंड सीमेंट फैक्ट्री परिसर में घुसकर सुनियोजित तरीके से हमला किया और तीन भारतीय श्रमिकों को जबरन अपने साथ ले गया। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब माली के कई क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं।

अब तक किसी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है, हालांकि अल-कायदा से जुड़ा आतंकवादी गुट जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) माली में हाल ही में हुए अन्य हमलों की जिम्मेदारी स्वीकार कर चुका है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि यह घटना भी उसी नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है।

भारत सरकार ने जताई गहरी चिंता, दूतावास सक्रिय

नई दिल्ली से जारी आधिकारिक बयान में विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की है। बामाको स्थित भारतीय दूतावास लगातार माली प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के साथ संपर्क में है। साथ ही अपहृत भारतीयों के परिजनों को भी समय-समय पर जानकारी दी जा रही है।

बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार इस संकटपूर्ण स्थिति पर पैनी निगाह बनाए हुए है और उच्च स्तर पर हरसंभव राजनयिक प्रयास जारी हैं। मंत्रालय ने कहा है कि वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं और हरसंभव माध्यमों से संपर्क स्थापित कर भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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