img

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ की धमकी देने के बाद रूस ने कड़ा जवाब दिया है। मॉस्को ने इस बयान को "अनुचित और संप्रभु देशों के अधिकारों का उल्लंघन" बताया है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने कहा कि अमेरिका की यह आदत बन चुकी है कि वह दूसरे देशों के घरेलू और विदेशी नीतिगत फैसलों में दखल देता है। उन्होंने कहा, “भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है। वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए जो भी निर्णय लेता है, वह पूरी तरह वैध और राष्ट्रीय हितों पर आधारित होता है।”

गौरतलब है कि ट्रंप ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि यदि वह दोबारा राष्ट्रपति बने तो भारत जैसे देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे, खासकर अगर वे रूस से तेल खरीदते रहे। इस पर रूस ने सख्त लहजे में कहा कि भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी वर्षों पुरानी है और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग दोनों देशों के हित में है।

भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है, वैश्विक ऊर्जा संकट के बीच रियायती दरों पर रूस से तेल खरीद रहा है। इससे घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को काबू में रखने में मदद मिली है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस तरह के बयान न केवल भारत-अमेरिका संबंधों में खटास पैदा कर सकते हैं, बल्कि वैश्विक कूटनीति पर भी नकारात्मक असर डाल सकते हैं। रूस ने साफ कहा कि वह भारत के निर्णयों का सम्मान करता है और भविष्य में भी रणनीतिक सहयोग जारी रहेगा।
 

--Advertisement--