Up Kiran, Digital Desk: क्रिकेट के मैदान पर तो सचिन तेंदुलकर को 'भगवान' कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार उन्होंने एक्टर बनकर लाखों रुपये बचाए थे? ये किस्सा सिर्फ क्रिकेट का नहीं, बल्कि दिमाग और कानून के बेहतरीन इस्तेमाल का है. चलिए जानते हैं कैसे सचिन ने एक स्मार्ट कानूनी दांव से 58 लाख रुपये टैक्स बचा लिया.
क्या है पूरा मामला: ये कहानी उस दौर की है जब सचिन तेंदुलकर सिर्फ क्रिकेट खेलकर ही नहीं, बल्कि विज्ञापनों और एंडोर्समेंट से भी करोड़ों रुपये कमा रहे थे. इनकम टैक्स अथॉरिटी ने उनकी इन अतिरिक्त कमाइयों पर टैक्स की मांग की. लेकिन सचिन और उनकी लीगल टीम ने एक ऐसा तर्क दिया, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी.
क्रिकेटर नहीं, 'एक्टर' हैं सचिन!
सचिन तेंदुलकर ने इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में यह दलील दी कि जब वह विज्ञापनों में काम करते हैं, तो वह एक क्रिकेटर के तौर पर नहीं, बल्कि एक 'एक्टर' के तौर पर काम करते हैं. उन्होंने कहा कि कैमरे के सामने एक्टिंग करना और क्रिकेट खेलना दो अलग-अलग पेशे हैं.
उनकी टीम ने तर्क दिया कि विज्ञापनों से होने वाली कमाई उनकी एक्टिंग की कला का नतीजा है, न कि उनके क्रिकेट खेलने के प्रोफेशन का. इसलिए, इस कमाई पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80RR के तहत टैक्स में छूट मिलनी चाहिए, जो कलाकारों को उनकी कला से होने वाली विदेशी आय पर मिलती है.
कैसे जीते सचिन यह कानूनी लड़ाई?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस दलील को खारिज कर दिया, लेकिन मामला जब इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचा, तो फैसला सचिन के पक्ष में आया. ट्रिब्यूनल ने माना कि मैदान पर क्रिकेट खेलना और कैमरे के सामने अभिनय करना दो अलग-अलग बातें हैं.
ट्रिब्यूनल ने कहा कि सचिन की जो ब्रांड वैल्यू है, वह भले ही क्रिकेट की वजह से हो, लेकिन विज्ञापन में वह अभिनय करते हैं. इस फैसले से सचिन तेंदुलकर को टैक्स में 58 लाख रुपये की बड़ी राहत मिली.
यह किस्सा साबित करता है कि सचिन तेंदुलकर सिर्फ मैदान पर ही 'मास्टर ब्लास्टर' नहीं हैं, बल्कि मैदान के बाहर भी वह एक स्मार्ट खिलाड़ी हैं.
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