Up Kiran, Digital Desk: अगर आप 18 साल के हो गए हैं या किसी वजह से अब तक वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं जुड़वा पाए हैं, तो चुनाव आयोग ने आपके लिए यह काम बेहद आसान कर दिया है. चुनाव आयोग देशभर में वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए एक विशेष अभियान ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) चला रहा है. इसके तहत, अब आपको वोटर के तौर पर रजिस्टर होने के लिए सिर्फ वोटर आईडी कार्ड पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं है.
इस अभियान का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न रह जाए. अगर आपका नाम पिछली वोटर लिस्ट में है, तो आपको कोई नया डॉक्युमेंट जमा करने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर आप पहली बार नाम जुड़वा रहे हैं या किसी बदलाव के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप नीचे दिए गए डॉक्युमेंट्स में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ये 12 डॉक्युमेंट्स आएंगे आपके काम:बर्थ सर्टिफिकेट: नगर पालिका या संबंधित अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र.
पासपोर्ट: आपका भारतीय पासपोर्ट.
शैक्षणिक सर्टिफिकेट: किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी द्वारा जारी 10वीं या कोई अन्य शैक्षणिक सर्टिफिकेट.
पैन कार्ड (पहचान के लिए).
आधार कार्ड: इसे पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. हालांकि, चुनाव आयोग ने साफ किया है कि आधार नागरिकता, जन्मतिथि या निवास का प्रमाण नहीं माना जाएगा.
सरकारी आई-कार्ड: केंद्र/राज्य सरकार या किसी सरकारी उपक्रम (PSU) द्वारा कर्मचारियों या पेंशनरों को जारी कोई भी पहचान पत्र या पेंशन पेमेंट ऑर्डर.
निवास प्रमाण पत्र: राज्य सरकार द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाण पत्र (डोमिसाइल).
जाति प्रमाण पत्र: SC/ST/OBC या अन्य जाति का प्रमाण पत्र.
वन अधिकार प्रमाण पत्र.नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) का दस्तावेज़ (जहां लागू हो).सरकारी अलॉटमेंट लेटर: सरकार द्वारा जारी किया गया कोई भी ज़मीन या घर का अलॉटमेंट लेटर.
कोई पुराना सरकारी दस्तावेज़: 1 जुलाई, 1987 से पहले सरकार, बैंक, पोस्ट ऑफिस या LIC द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र या दस्तावेज़.
इस अभियान का लाभ उठाकर आप आसानी से अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवा सकते हैं या किसी पुरानी गलती को ठीक करा सकते हैं.
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