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Up Kiran, Digital Desk: रविवार सुबह राजस्थान के जयपुर जिले के मनोहरपुर में एक भयावह हादसा हुआ, जिसमें एक स्लीपर बस जलकर राख हो गई। यह हादसा टोल बचाने के चक्कर में हुआ, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और दस लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घायल लोगों को सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

बस में था सामान, गैस सिलेंडर, बाइक और बकरियां भी

यह बस उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूरनपुर गांव से 77 मजदूरों को लेकर जयपुर आई थी। सभी मजदूर ईंट भट्टे पर काम करने के लिए आए थे। बस में मजदूरों के साथ-साथ 15 गैस सिलेंडर, छह बाइक, बकरियां और मुर्गियां भी लोड थीं। हादसा सुबह करीब 8 बजे टोडी गांव के पास हुआ, जब बस ईंट भट्टे से महज 500 मीटर दूर थी।

हाईटेंशन तार से टकराई बस, आग लगने के बाद सिलेंडर फटे

बस के ऊपर रखे सामान से 1100 kv का हाईटेंशन बिजली का तार टकरा गया। यह तार बाइक से सट गया और फिर आग सिलेंडर तक पहुंच गई। कुछ ही क्षणों में सिलेंडर फटने लगे और बस की पूरी छत व अंदर का सामान जलकर राख हो गया। यह घटना ऐसी थी कि आसपास के लोग भी बस को जलते हुए देखकर सन्न रह गए।

स्लीपर बस में थी खामियां, इमरजेंसी गेट भी था बंद

जांच में यह बात सामने आई कि यह स्लीपर बस अवैध तरीके से मॉडिफाई की गई थी। बस में एक कैरियर बनाकर बाइक और गैस सिलेंडर रखे गए थे। इतना ही नहीं, बस के इमरजेंसी गेट को अंदर से वेल्डिंग करके बंद कर दिया गया था, जिससे आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को बाहर निकलने में भी दिक्कत हो सकती थी।

100 रुपये के टोल को बचाने के लिए लिया कच्चा रास्ता

यह भी पता चला कि हादसे के वक्त बस के ड्राइवर ने पक्की टोल रोड छोड़कर गांव के कच्चे रास्ते पर बस उतारी थी, ताकि वह 100 रुपये का टोल बचा सके। यह कदम न सिर्फ दुर्घटना का कारण बना, बल्कि यात्रियों की जान पर भी भारी पड़ा।

गांववालों की शिकायतें, प्रशासन की लापरवाही

गांववालों ने बिजली विभाग को पहले भी शिकायत दी थी कि हाईटेंशन तार बहुत नीचे लटक रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह लापरवाही हादसे का कारण बनी। घटना के बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर फरार हो गए, और पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही भट्टा मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।