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Up Kiran, Digital Desk: ऑपरेशन सिंदूर के बाद डेढ़ महीने में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पिछले 24 घंटों में एक के बाद एक तीन अलग-अलग स्वदेशी मिसाइलों का परीक्षण किया गया है। एक ही दिन में तीन मिसाइलें दागकर भारत ने पाकिस्तान, तुर्की और चीन को एक साथ बड़ा संदेश दिया है।

16 और 17 जुलाई 2025 को भारत को रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी मिली। आकाश मिसाइल के अगले स्तर के संस्करण, आकाश प्राइम, को लद्दाख से दागा गया। भारतीय सेना और डीआरडीओ ने लद्दाख के ऊँचे और दुर्गम इलाकों में मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

इस क्षेत्र में आसमान में काफी संघर्ष होता है। क्योंकि यह परीक्षण 4,500 मीटर (करीब 15,000 फीट) से ज़्यादा की ऊँचाई पर किया जाता है। यहाँ ऑक्सीजन की कमी होती है और हवाएँ भी तेज़ होती हैं। इस वजह से इस मिसाइल को इस जगह ईंधन जलाने के लिए ऑक्सीजन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इसे हवाओं से भी जूझना पड़ता है।

तो, ओडिशा में पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों का परीक्षण किया गया। दोनों ही कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं जो भारत के लिए परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। यानी चीन और पाकिस्तान दोनों इस मिसाइल की कक्षा में हैं।

आकाश-प्राइम बेहद अहम

पाकिस्तान के हवाई हमलों को नाकाम करने वाली वायु रक्षा प्रणाली आकाश मिसाइल का एक प्रमुख हिस्सा थी। इसका अपडेटेड वर्जन आकाश प्राइम है। जो 30-35 किलोमीटर के दायरे में किसी भी लक्ष्य को सटीकता से भेद सकता है।

चाहे वह लड़ाकू विमान हो या दुश्मन की क्रूज मिसाइल या फिर तुर्की का कोई घातक ड्रोन। यह भारतीय धरती से 18-20 किलोमीटर की ऊँचाई पर इन सभी को मार गिरा सकता है।

ये मिसाइल राजेंद्र रडार से लैस है। यह 360 डिग्री कवरेज प्रदान करती है। इससे एक साथ कई लक्ष्यों पर नज़र रखी जा सकती है। पृथ्वी-2 एक मध्यम दूरी की मिसाइल है और 350 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को भेद सकती है। यह एक तरल ईंधन वाली मिसाइल है। जबकि अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किलोमीटर है। यह मिसाइल ठोस ईंधन से चलती है।

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