Up Kiran, Digital Desk: तमिलनाडु में चक्रवात 'दित्वा' के कारण भारी बारिश ने राज्य के कई इलाकों में तबाही मचा दी है। राज्य के आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, रविवार को मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने पत्रकारों से बताया कि अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यह घटनाएं शनिवार शाम से शुरू हुईं, जब तूतीकोरिन और तंजावुर में दीवार गिरने से दो लोगों की जान चली गई। वहीं, मयिलादुथुराई में बिजली के झटके से 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई।
कृषि और पशुधन पर पड़ा भारी असर
चक्रवात 'दित्वा' ने न सिर्फ मानव जीवन को नुकसान पहुँचाया, बल्कि भारी बारिश के कारण तमिलनाडु की कृषि भूमि और पशुधन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। राज्य के डेल्टा जिलों में 149 मवेशियों की मौत हो गई, जबकि 57,000 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। मंत्री रामचंद्रन ने बताया कि न केवल भूमि, बल्कि जिले की झोपड़ियों को भी भारी नुकसान हुआ है।
नुकसान का विवरण
कृषि नुकसान का आंकड़ा जिलावार इस प्रकार है:
नागापट्टिनम: 24,000 हेक्टेयर प्रभावित
तिरुवरुर: 15,000 हेक्टेयर प्रभावित
मयिलादुथुराई: 8,000 हेक्टेयर प्रभावित
रामचंद्रन ने यह भी कहा कि डेल्टा क्षेत्र में करीब 234 झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। यह आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि चक्रवात ने किस हद तक तबाही मचाई है।
राहत कार्यों की स्थिति
राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए 28 आपदा प्रतिक्रिया दलों को तैनात किया है, जिनमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के कर्मी शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों से 10 अतिरिक्त दल तमिलनाडु पहुँच चुके हैं। यह दल सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता देंगे। मंत्री रामचंद्रन ने बताया कि सरकार का नियंत्रण कक्ष लगातार तटीय और बारिश प्रभावित क्षेत्रों के जिला प्रशासन के संपर्क में है और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की निगरानी में मदद की जा रही है।
_756974143_100x75.png)
_1638273256_100x75.png)
_411599961_100x75.png)
_2095901058_100x75.png)
_747542944_100x75.png)