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Up Kiran, Digital Desk: विश्व प्रसिद्ध पुरी की श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए कल, 25 जून को शहर एक अभेद्य किले में तब्दील हो जाएगा। लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद के साथ, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ओडिशा पुलिस ने चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण सारंगी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और विशाल भीड़ को सुचारू रूप से प्रबंधित करने के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में 200 प्लाटून पुलिस बल (लगभग 6,000 कर्मी) और 1,000 से अधिक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तैनात किए जाएंगे। इनमें 4 डीआईजी, 9 एसपी, 28 अतिरिक्त एसपी, 70 डिप्टी एसपी और 130 इंस्पेक्टर शामिल हैं, जिनकी तैनाती की गई है।

रथ यात्रा के लिए पुलिस ने एक विस्तृत सुरक्षा योजना तैयार की है। यह योजना डीजीपी अरुण सारंगी, अतिरिक्त डीजीपी (कानून-व्यवस्था) संजय कुमार और आईजी आशीष सिंह की देखरेख में बनी है। इसमें त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), बम निरोधक दस्ते और खोजी कुत्तों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, पूरे यात्रा मार्ग और मंदिर परिसर के आसपास सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से लगातार निगरानी रखी जाएगी। छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे ताकि भीड़ पर ऊपरी नज़र रखी जा सके।

मुख्य रूप से, भगवान जगन्नाथ के नंदिघोष, बलभद्र के तालध्वज और देवी सुभद्रा के देबदलना रथों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था होगी। रथ यात्रा के दौरान सुचारू यातायात प्रबंधन के लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। 24 जून की रात 10 बजे से 26 जून की रात 10 बजे तक पुरी में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालुओं के प्रवेश बिंदुओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

जिलाधिकारी सिद्देश्वर बलिराम बोंडी और एसपी पिनाक मिश्रा ने बताया कि भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 100 फर्स्ट एड टीमें, 50 एम्बुलेंस और 5 अस्थायी चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। साथ ही, पीने के पानी और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।

उल्लेखनीय है कि स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन 'अनासर' (बीमार कक्ष) में विश्राम कर रहे हैं और अब वे भव्य रथ यात्रा के लिए प्रकट होंगे। यह विशाल आयोजन पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसे वे पूरी मुस्तैदी से निपटने के लिए तैयार हैं ताकि लाखों भक्त शांतिपूर्ण ढंग से भगवान के दर्शन कर सकें।

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