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मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज तिलक वर्मा आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ एक अनोखी स्थिति का हिस्सा बने, जब उन्हें रिटायर्ड आउट कर दिया गया। आईपीएल इतिहास में ऐसा करने वाले वह चौथे खिलाड़ी हैं। उनसे पहले रविचंद्रन अश्विन, अथर्व तायडे और साई सुदर्शन इस सूची में शामिल हो चुके हैं। तिलक ने इस मुकाबले में 23 गेंदों में केवल 25 रन बनाए और उनके बल्ले से सिर्फ एक चौका निकला।

अचानक लिए गए इस फैसले के पीछे क्या था कारण?
मैच के आखिरी ओवरों में मुंबई इंडियंस को जीत के लिए तेजी से रन बनाने थे। जब आखिरी 7 गेंदों में 24 रनों की जरूरत थी, तो तिलक वर्मा रनों के लिए जूझते दिखाई दिए। ऐसे में कोच महेला जयवर्धने ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए उन्हें रिटायर्ड आउट करने का निर्णय लिया। उनकी जगह बल्लेबाजी करने मिचेल सैंटनर मैदान में उतरे।

महेला जयवर्धने ने क्या कहा?
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयवर्धने ने स्पष्ट किया कि तिलक को रिटायर्ड आउट करवाने का निर्णय पूरी तरह से रणनीतिक था। उन्होंने कहा, “हमने इंतजार किया कि तिलक लय में लौटें क्योंकि उन्होंने क्रीज पर कुछ समय बिताया था। उम्मीद थी कि वह बड़े शॉट्स लगाएंगे, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो हमें लगा कि किसी नए बल्लेबाज को मौका देना बेहतर होगा। यह एक आसान फैसला नहीं था, लेकिन उस समय जरूरी था। क्रिकेट में कभी-कभी ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं।”

क्या यह फैसला टीम के लिए कारगर रहा?
मुंबई इंडियंस की टीम ने आखिरी ओवर तक मुकाबला लड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी। सूर्यकुमार यादव के अर्धशतक ने टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया था। उन्होंने 67 रनों की शानदार पारी खेली। नमन धीर ने 46 रन बनाए, जबकि कप्तान हार्दिक पांड्या ने 28 रनों का योगदान दिया। लेकिन जैसे ही सूर्यकुमार और नमन आउट हुए, टीम की रनगति धीमी हो गई और अंत में टीम मुकाबला हार गई।

लखनऊ की गेंदबाजी ने किया प्रभावित
लखनऊ सुपर जायंट्स के गेंदबाजों ने दबाव के समय बेहतरीन प्रदर्शन किया। खासकर दिग्वेश सिंह राठी ने चार ओवर में सिर्फ 21 रन देकर एक विकेट लिया और उन्हें इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी मिला। उनकी गेंदबाजी ने मुंबई इंडियंस के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया।

क्या कहता है क्रिकेट का नियम रिटायर्ड आउट को लेकर?
क्रिकेट के नियमों के अनुसार, रिटायर्ड आउट वह स्थिति होती है जब कोई बल्लेबाज स्वेच्छा से या टीम के निर्देश पर क्रीज छोड़ देता है, लेकिन फिर दोबारा बल्लेबाजी करने की अनुमति नहीं मिलती। इसे आमतौर पर रणनीतिक निर्णय के तौर पर देखा जाता है, लेकिन यह क्रिकेट में बहुत कम देखने को मिलता है। इस वजह से तिलक वर्मा का रिटायर्ड आउट होना चर्चा का विषय बन गया।

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