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Up Kiran, Digital Desk: जब कोई नई नौकरी तलाश रहा होता है, तो सबसे पहले जो दस्तावेज़ मांगा जाता है वो होता है CV या Resume। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दोनों में असल फर्क क्या है? कई बार सही जानकारी ना होने की वजह से उम्मीदवार गलत डॉक्युमेंट भेज बैठते हैं, जिससे इंटरव्यू तक पहुंचने का मौका ही हाथ से निकल जाता है। इस खबर में हम सरल भाषा में समझेंगे कि आखिर ये दोनों फॉर्मेट्स क्या हैं, किसके लिए होते हैं और कब कौन-सा भेजना चाहिए।

CV क्या होता है? सिर्फ डॉक्युमेंट नहीं, आपकी पूरी कहानी

CV यानी Curriculum Vitae एक ऐसा डॉक्युमेंट होता है जो आपकी प्रोफेशनल और अकादमिक यात्रा को विस्तार से दिखाता है। इसमें आपकी पढ़ाई, रिसर्च, पब्लिकेशन, अवॉर्ड्स, प्रेजेंटेशन और अनुभव सबकुछ शामिल होता है। अगर आप किसी यूनिवर्सिटी, मेडिकल या रिसर्च फील्ड में अप्लाई कर रहे हैं, तो CV भेजना ज्यादा उपयुक्त होता है।

इसकी लंबाई 2 पेज से लेकर 10 पेज तक हो सकती है, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने सालों का काम किया है और किस फील्ड में किया है। इसे बार-बार अपडेट करने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ जब कोई नई उपलब्धि जुड़े।

Resume क्या है? आपकी प्रोफेशनल पहचान का पहला इंप्रेशन

Resume यानी नौकरी की दुनिया में आपकी "पहचान का ट्रेलर"। ये छोटा और प्रभावशाली होता है आमतौर पर 1 से 2 पेज का। इसमें सिर्फ वही जानकारी शामिल की जाती है जो उस जॉब के लिए जरूरी हो जैसे आपकी हाल की जॉब, स्किल्स, और अहम उपलब्धियां।

कॉर्पोरेट सेक्टर, आईटी, मार्केटिंग, फाइनेंस या किसी भी प्राइवेट कंपनी में जब आप अप्लाई करते हैं, तो Resume भेजना ज्यादा बेहतर रहता है। इसे हर नई नौकरी के लिए कस्टमाइज करना जरूरी होता है ताकि नियोक्ता को लगे कि आप उसी रोल के लिए फिट हैं।