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Up Kiran, Digital Desk: आज बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री का जन्मदिन है, जिन्होंने अपने अभिनय से तो दर्शकों का दिल जीता ही, लेकिन एक बार अपने बेबाक बयान से कपूर खानदान जैसे बड़े फ़िल्मी घराने को भी चुनौती दे दी थी। यह बात तब की है जब उन्होंने कपूर खानदान के 'रुबाब' को 'दिखावा' या 'नकली' बताया था, जिससे बॉलीवुड गलियारों में खूब हलचल मच गई थी।

अपने एक पुराने इंटरव्यू में इस अभिनेत्री ने बॉलीवुड में 'खानदानों' के प्रभाव और खास तौर पर कपूर खानदान के 'शाही रुबाब' पर तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यह 'रुबाब' सिर्फ एक दिखावा है और इंडस्ट्री में काम करने के लिए सिर्फ नाम और परिवार नहीं, बल्कि प्रतिभा मायने रखती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि कुछ परिवारों को सिर्फ उनके नाम के कारण ही विशेषाधिकार मिलते हैं, जबकि प्रतिभाशाली बाहरी लोगों को संघर्ष करना पड़ता है।

यह बयान उस समय काफी सुर्खियों में आया था, क्योंकि कपूर खानदान को भारतीय सिनेमा का पहला और सबसे प्रभावशाली फ़िल्मी परिवार माना जाता है, जिसने दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया है। उनकी टिप्पणी ने 'नेपोटिज्म' (भाई-भतीजावाद) और 'आउटसाइडर बनाम इनसाइडर' (बाहरी बनाम भीतरी) की बहस को एक नया मोड़ दिया था, जो आज भी बॉलीवुड में अक्सर चर्चा का विषय बनती रहती है।

उनके इस साहसी बयान ने कई लोगों को चौंका दिया था, और इंडस्ट्री के अंदरूनी हलकों में भी इसे लेकर काफी चर्चा हुई थी। इस बयान ने बॉलीवुड के भीतर की असमानताओं और चुनौतियों को उजागर किया था, जहां कुछ लोग मानते हैं कि परिवार का नाम होने से ही सफलता की राह आसान हो जाती है।

आज उनके जन्मदिन पर, उनका यह बेबाकपन और सच बोलने का साहस एक बार फिर याद किया जा रहा है। यह बयान आज भी प्रासंगिक है और दिखाता है कि कैसे कुछ कलाकार केवल अपनी प्रतिभा के दम पर ही नहीं, बल्कि अपने विचारों से भी इंडस्ट्री को प्रभावित करते हैं।

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