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Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु के लोगों का लंबा इंतज़ार अब जल्द ही खत्म होने वाला है। शहर की बहुप्रतीक्षित नम्मा मेट्रो की 'येलो लाइन' पर इस साल जुलाई के अंत तक मेट्रो दौड़ने की उम्मीद है। यह जानकारी कर्नाटक के भारी और मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल ने दी है।

यह येलो लाइन बेंगलुरु के लिए एक बड़ी सौगात होगी, क्योंकि यह आर.वी. रोड को इलेक्ट्रॉनिक सिटी के रास्ते बोम्मसंद्रा से जोड़ेगी, जिससे शहर के इस व्यस्त आईटी कॉरिडोर में ट्रैफिक की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी।

क्या है इसकी सबसे बड़ी खासियत?

इस लाइन की सबसे बड़ी खासियत इसका 'ड्राइवरलेस' होना है। यह कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) टेक्नोलॉजी पर चलेगी, जो बिना ड्राइवर के ट्रेनों का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करती है।

देरी क्यों हुई और अब क्या है स्थिति?

इस प्रोजेक्ट में देरी का मुख्य कारण चीन से प्रोटोटाइप ट्रेन आने में हुआ विलंब था। लेकिन अब अच्छी खबर यह है कि दो और ट्रेनें चीन से आ चुकी हैं, और बाकी की 33 ट्रेनें 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत कोलकाता की कंपनी 'टीटागढ़ रेल सिस्टम्स' द्वारा भारत में ही बनाई जा रही हैं।

मंत्री एम.बी. पाटिल ने हेब्बागोडी डिपो का निरीक्षण करने के बाद बताया कि ट्रेनों का मुख्य परीक्षण (static and dynamic tests) पूरा हो चुका है। अब इसका सिस्टम इंटीग्रेशन टेस्ट चल रहा है, जिसके बाद पूरी लाइन पर ट्रायल रन होगा। अंत में, मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) से हरी झंडी मिलते ही इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

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