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भारतीय शेयर बाजार में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। बीते छह ट्रेडिंग सत्रों में सेंसेक्स ने 5,977.19 अंकों की जबरदस्त छलांग लगाई है। 9 अप्रैल को सेंसेक्स 73,847.15 अंकों पर बंद हुआ था और अब 22 अप्रैल को यह 79,824.30 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। बाजार की इस एकतरफा रैली ने निवेशकों को चौंका दिया है। सवाल यह है कि आखिर किन वजहों से बाजार में इतनी तेजी देखी जा रही है?
इन 5 कारणों से बाजार में लौट आई जबरदस्त तेजी
1. भारत-अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीदें
शेयर बाजार में सुधार की शुरुआत तब हुई जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 90 दिनों के लिए नए टैरिफ लगाने की प्रक्रिया को रोकने की घोषणा की। इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच उच्चस्तरीय राजनयिक यात्राओं की खबरें सामने आईं, जिससे संभावित ट्रेड डील की उम्मीदें और मजबूत हो गईं। निवेशकों को भरोसा है कि यह डील व्यापार के लिहाज से भारत के लिए फायदेमंद होगी, और इसी उम्मीद ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
2. भारत-चीन ट्रेड डील को लेकर बातचीत
भारत सरकार चीन के साथ भी व्यापारिक समझौते को लेकर बातचीत कर रही है। चीन अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण नए बाजारों की तलाश में है और भारत उसके लिए एक बड़ा विकल्प बनकर उभर रहा है। इस संभावित साझेदारी की चर्चा ने निवेशकों को एक और सकारात्मक संकेत दिया है, जिससे बाजार में और अधिक खरीदारी देखने को मिल रही है।
3. आर्थिक सुधारों की नई उम्मीदें
राजनीतिक स्थिरता और संभावित मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल (मोदी 3.0) से निवेशकों को आर्थिक सुधारों की नई लहर की उम्मीद है। सरकार के पिछले कार्यकाल में हुए सुधारों और कारोबारी माहौल को देखते हुए बाजार को भरोसा है कि आने वाले समय में भारत की आर्थिक विकास दर और तेज होगी। यही भरोसा शेयर बाजार में सकारात्मक माहौल बना रहा है।
4. विदेशी निवेशकों की वापसी
पिछले कुछ समय से बाजार में बिकवाली का दबाव देखा जा रहा था, खासकर विदेशी निवेशकों की ओर से। लेकिन अब वे दोबारा भारतीय बाजार में लौटे हैं और भारी खरीदारी कर रहे हैं। घरेलू निवेशक भी लगातार बाजार में सक्रिय हैं, जिससे बाजार को एक मजबूत आधार मिल रहा है।
5. अच्छे मानसून की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल सामान्य से बेहतर मानसून की भविष्यवाणी की है। इसका सीधा असर कृषि उत्पादन पर पड़ेगा, जिससे ग्रामीण आय में इजाफा और महंगाई में नियंत्रण संभव है। निवेशकों को उम्मीद है कि इससे उपभोक्ता मांग बढ़ेगी और कॉरपोरेट सेक्टर के नतीजे बेहतर आएंगे। यही वजह है कि बाजार में सकारात्मकता बनी हुई है।
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