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Up Kiran, Digital Desk: तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, लक्ष्मी पुरी से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी है। यह माफ़ी उन्होंने लक्ष्मी पुरी पर पहले लगाए गए कुछ ऐसे आरोपों के लिए मांगी है, जिनकी सत्यता या प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी थी। यानी, उन्होंने 'अपुष्ट' या 'बिना जांचे' आरोप लगाए थे।

गोखले ने सोशल मीडिया या किसी अन्य सार्वजनिक मंच पर ये आरोप लगाए थे, और अब उन्होंने स्वीकार किया है कि उनके दावे शायद तथ्यात्मक रूप से सही नहीं थे या उन्हें साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत नहीं थे।

राजनीतिक या सार्वजनिक जीवन में किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। यह दर्शाता है कि संबंधित व्यक्ति ने अपने बयानों या टिप्पणियों में संभावित त्रुटि को स्वीकार किया है और उसके लिए खेद व्यक्त किया है।

साकेत गोखले की यह माफ़ी उनके द्वारा लक्ष्मी पुरी पर लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले को लेकर है, और यह एक संकेत है कि उन्होंने उन आरोपों को वापस ले लिया है या उनके बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट की है। यह कदम सार्वजनिक संवाद में जिम्मेदारी और सटीकता के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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