जैसे-जैसे मौसम बदलता है, खासकर चंबा जिले सहित देश के अन्य हिस्सों में भी बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। सर्दी, जुकाम, खांसी और हल्का बुखार जैसे लक्षण तेजी से सामने आ रहे हैं। यह बदलाव बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
आयुर्वेदिक उपचार से मिलेगा राहत
चंबा के जिला आयुर्वेदिक अस्पताल बालू के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. कुलविंदर संधू ने अभिभावकों को मौसम के अनुसार बच्चों की देखभाल करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि आयुर्वेद में कई ऐसे प्राकृतिक उपाय हैं जो बच्चों को सर्दी-जुकाम से बचा सकते हैं।
डॉ. संधू ने बताया कि इस समय बच्चों की सेहत को लेकर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गुनगुना पानी, हल्दी, शहद और तुलसी जैसे प्राकृतिक तत्व सर्दी-जुकाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।
शहद और हल्दी की ताकत
प्राकृतिक उपचार की बात करते हुए डॉ. संधू ने विशेष रूप से शहद और हल्दी के लाभों पर जोर दिया। उनका कहना है कि सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में हल्दी और शहद मिलाकर देने से बच्चों को गले की खराश और खांसी में राहत मिलती है। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध भी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
लेकिन, डॉ. संधू ने यह भी चेतावनी दी कि अभिभावकों को बिना चिकित्सक की सलाह के बाजार से खरीदी गई दवाइयों और सिरप का सेवन बच्चों को नहीं कराना चाहिए, क्योंकि इनमें कुछ हानिकारक तत्व हो सकते हैं, जो लंबे समय में नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बच्चों की सेहत के लिए ये आदतें अपनाएं
आयुर्वेद के अनुसार, बच्चों के लिए संतुलित आहार और पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है। डॉ. संधू ने सलाह दी कि बच्चों को हरी सब्ज़ियां, ताजे फल और घर का बना हुआ भोजन दिया जाना चाहिए। हल्का व्यायाम और सुबह की धूप भी उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
डॉ. संधू ने कहा कि अगर बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाना है तो उन्हें स्वच्छ वातावरण में रखना और सही आहार देना आवश्यक है।



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