Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में एक अजीब चिकित्सा घटना ने सभी को हैरान कर दिया। नीदरलैंड के एक 17 वर्षीय लड़के को फुटबॉल खेलते समय गंभीर चोट आई। उसके घुटने में चोट लगने के बाद ऑपरेशन किया गया, जो सफल रहा। लेकिन ऑपरेशन के बाद जो हुआ, वह किसी के भी समझ से बाहर था। जब लड़का होश में आया, तो उसने अपनी मातृभाषा डच के बजाय अंग्रेजी बोलना शुरू कर दिया। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि उसे अपने माता-पिता की बातें समझ में नहीं आ रही थीं और न ही वह अपनी मातृभाषा बोल पा रहा था।
फॉरेन लैंग्वेज सिंड्रोम का रहस्य
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना एक अत्यंत दुर्लभ मेडिकल सिंड्रोम, फॉरेन लैंग्वेज सिंड्रोम (Foreign Language Syndrome) का हिस्सा प्रतीत होती है। यह स्थिति तब सामने आती है जब कोई व्यक्ति अचानक अपनी मातृभाषा के बजाय कोई दूसरी भाषा बोलने लगता है। इस घटना में, युवक ने केवल स्कूल में सीखी अंग्रेजी बोलनी शुरू की, जो उसे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रही थी।
असामान्य स्थिति: कैसे हुआ इलाज?
शुरुआत में, नर्स को लगा कि यह समस्या कुछ ही घंटों में हल हो जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो डॉक्टरों को सूचित किया गया। यह देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत मामले का अध्ययन किया और यह निष्कर्ष निकाला कि यह फॉरेन लैंग्वेज सिंड्रोम का मामला हो सकता है। हालांकि, लड़के के मानसिक स्वास्थ्य में पहले कोई समस्या नहीं थी, और न ही उसके परिवार में किसी को इस प्रकार की कोई समस्या थी, सिवाय उसकी मां के, जिन्हें कुछ हद तक अवसाद था।
इलाज और सुधार
इसके बाद, लड़के को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श दिया गया, जिससे उसे अपनी मातृभाषा डच को फिर से थोड़ा समझने में मदद मिली। हालांकि, वह इसे बोलने में असमर्थ था। स्थिति में कुछ सुधार हुआ और जब उसके दोस्त अस्पताल में उससे मिलने पहुंचे, तो स्थिति में काफी सुधार हुआ। अगले दिन, लड़के ने अपनी डच भाषा को फिर से समझने और बोलने में सक्षम होना शुरू कर दिया। इसके बाद, उसकी हालत में सुधार को देखते हुए डॉक्टरों ने उसकी आगे की जांच रोक दी और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी।
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