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Up Kiran, Digital Desk: जैसे ही ठंडी का मौसम आरंभ होता है, हमारे शरीर को अधिक ऊर्जा, अंदर से गर्माहट और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता होती है। इस समय पाचन क्रिया भी थोड़ी धीमी हो जाती है, जिसके कारण कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे में रसोई में आसानी से मिलने वाला गुड़ एक प्राकृतिक और किफायती उपाय है, जिसे आयुर्वेद में भी बहुत लाभकारी माना गया है।

शरीर को अंदर से गर्म रखता है

सर्दियों में ठंड के कारण सर्दी, खांसी और सुस्ती सामान्य हो जाती है। गुड़ शरीर में गर्माहट बनाए रखता है और शरीर का तापमान संतुलित करता है। रोज थोड़ी मात्रा में गुड़ खाने से ठंड से संबंधित समस्याएं कम होती हैं और शरीर सक्रिय रहता है।

इम्यूनिटी को मजबूत करता है

गुड़ में आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से वायरल संक्रमण, जुकाम और बार-बार बीमार पड़ने का खतरा कम होता है।

पाचन को बेहतर बनाता है

सर्दियों में रक्त परिसंचरण धीमा होने से पाचन कमजोर हो सकता है। गुड़ पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन आसानी से पचता है। खासकर, भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में गुड़ खाने से कब्ज और गैस की समस्या नहीं होती।

खून की कमी दूर करने में मददगार

जो लोग एनीमिया या कमजोरी से परेशान रहते हैं, उनके लिए गुड़ किसी प्राकृतिक औषधि से कम नहीं है। यह लोहा का अच्छा स्रोत है और रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक है। सर्दियों में महिलाओं को थकावट और चक्कर आने की समस्या में भी यह सहायक होता है।

त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखता है

ठंड में त्वचा सूखी और बेजान हो जाती है। गुड़ शरीर से अवांछनीय तत्वों को बाहर निकालकर रक्त को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा में प्राकृतिक आभा आती है। यह मुँहासे और दाग-धब्बों को कम करने में भी मदद करता है।

सर्दियों में ज्यादा गुड़ खाने से होने वाले नुकसान

गुड़ यदि ठीक मात्रा में खाया जाए तो लाभकारी होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकता है। रोजाना 10 से 20 ग्राम गुड़ पर्याप्त होता है। तिल, मूंगफली या अदरक के साथ गुड़ खाने से इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। हालांकि, डायबिटीज़ के मरीजों को गुड़ का सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन रक्त शर्करा बढ़ा सकता है।