img

Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा आवेदनों पर 1 लाख डॉलर का शुल्क और रूसी तेल खरीद पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले के बीच, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो सोमवार को न्यूयॉर्क में मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का 80वां उच्च स्तरीय सत्र शुरू हो चुका है।

व्हाइट हाउस के नए आदेश के बाद, भारत पर कुल अमेरिकी टैरिफ 50% तक पहुंच गया है, जो भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव का संकेत देता है। जयशंकर और रुबियो की यह पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी, जो द्विपक्षीय रिश्तों की दिशा तय कर सकती है।

क्या है इस मुलाकात का एजेंडा?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह बातचीत मुख्य रूप से व्यापार, वीजा नीति, रक्षा सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी पर केंद्रित होगी। दोनों नेता पिछली बार जुलाई में वाशिंगटन डीसी में क्वाड समिट के दौरान मिले थे।

इसी दिन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर चर्चा करेगा। मंत्रालय ने पुष्टि की है कि बातचीत "पारस्परिक रूप से लाभकारी" समझौते की ओर बढ़ रही है।

रविवार को जयशंकर का कार्यक्रम
विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को फिलीपींस की विदेश सचिव थेरेसा लाज़ारो से भी मुलाकात की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हमने राष्ट्रपति मार्कोस की भारत यात्रा और क्षेत्रीय साझेदारी को लेकर चर्चा की।”

लाज़ारो ने भी इस मुलाकात को “रणनीतिक साझेदारी” को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

आगे क्या होगा?
जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे। 27 सितंबर को वे संयुक्त राष्ट्र में भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य देंगे, जो दुनिया भर की निगाहों में रहेगा।