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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती को लेकर चर्चा तेज हो गई है। खासकर तब जब भारत के साथ अमेरिका का रिश्ता थोड़ा खट्टा होता दिख रहा है तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति बढ़ती नजदीकी साफ नजर आ रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनिर भी इस दोस्ती को लेकर उत्साहित हैं। इसी पर पूर्व भारतीय राजदूत विकास स्वरूप ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इस रिश्ते को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं।
पाक से करीबी अमेरिका को पड़ ना जाए भारी
विकास स्वरूप ने माना है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ बढ़ती दोस्ती को लेकर एक बड़ी रणनीतिक भूल की है। उनका कहना है कि पाकिस्तान लंबे समय से चीन के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी में है इसलिए अमेरिका की यह नई नजदीकी उसके लिए जोखिम भरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के करीब जाना एक रणनीतिक गलती है क्योंकि पाकिस्तान पहले से ही चीन के साथ जुड़ा हुआ है। अगर आप किसी के सामने झुकते हैं तो उसकी मांगें बढ़ती ही जाती हैं और यह सिलसिला चलता रहता है।
भारत की विदेश नीति और अमेरिका से अपने रुख को लेकर विकास स्वरूप की राय
भारत के संबंध में विकास स्वरूप का मानना है कि भारत एक स्वतंत्र और आत्मसम्मान वाली बड़ी ताकत है जो किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि 1950 के दशक से भारत की विदेश नीति की नींव ही रणनीतिक स्वायत्तता रही है और दिल्ली की कोई भी सरकार इसे कमज़ोर नहीं कर सकती। विकास स्वरूप का कहना है कि अमेरिका-पाकिस्तान की दोस्ती ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगी क्योंकि ये रिश्ते ज्यादा वित्तीय स्वार्थों पर आधारित हैं।
ट्रंप की नाराजगी के पीछे की असली वजह
पूर्व राजदूत विकास स्वरूप ने यह भी कहा कि अमेरिका की भारत से नाराजगी का असली कारण रूस से तेल खरीदना नहीं है जैसा आम तौर पर माना जाता है। उन्होंने बताया कि ट्रंप इस बात से खफा हैं कि भारत ने उनके द्वारा शांति प्रयासों का श्रेय नहीं दिया जबकि ट्रंप खुद कई बार इस काम का क्रेडिट लेते रहे हैं। यही कारण है कि ट्रंप ने भारत पर टैरिफ 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है।
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