
Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त राज्य अमेरिका में, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लॉस एंजिल्स (एलए) शहर में हो रहे अप्रवासन संबंधी विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से नेशनल गार्ड को भेजने का आदेश दिया था।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया था जब अप्रवासन नीतियों को लेकर देश भर में तनाव बढ़ रहा था और लॉस एंजिल्स जैसे प्रमुख शहरों में इन नीतियों के विरोध में बड़े प्रदर्शन हो रहे थे। नेशनल गार्ड की तैनाती एक गंभीर कदम माना जाता है, जो अक्सर तभी उठाया जाता है जब स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियां स्थिति को संभालने में अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता महसूस करती हैं या जब बड़े पैमाने पर अव्यवस्था की आशंका होती है।
ट्रम्प प्रशासन का यह निर्णय विरोध प्रदर्शनों को दबाने और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रयास के रूप में देखा गया। हालांकि, इस तैनाती ने नागरिक अधिकारों और विरोध करने के संवैधानिक अधिकार पर भी बहस छेड़ दी थी।
नेशनल गार्ड के सैनिकों को शहर में तैनात किया गया था ताकि वे स्थानीय पुलिस की सहायता कर सकें और प्रदर्शनों के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ को रोक सकें। इस कदम ने अप्रवासन और विरोध प्रदर्शनों से जुड़े राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया था।
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