Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका की संघीय सरकार अब आधिकारिक तौर पर बंद हो चुकी है। ये फैसला उस वक्त आया जब सीनेट ने रिपब्लिकन पार्टी द्वारा पेश किए गए बजट विधेयक को अस्वीकार कर दिया। इस विधेयक में अगले सात हफ्तों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने की मांग की गई थी। लेकिन ज़रूरी 60 वोटों में से सिर्फ 55 ही मिल सके।
इसका मतलब है कि अब लाखों सरकारी कर्मचारी या तो छुट्टी पर भेजे जाएंगे या नौकरी गंवा सकते हैं। यह शटडाउन लगभग सात वर्षों में पहली बार हुआ है और इसके असर देशव्यापी स्तर पर महसूस किए जाएंगे।
डेमोक्रेट्स ने खींची 'लाल लकीर'
सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी तब तक समर्थन नहीं देगी, जब तक ट्रंप प्रशासन हेल्थकेयर से जुड़ी मांगों को स्वीकार नहीं करता। उनका आरोप है कि रिपब्लिकन पार्टी Affordable Care Act में मिलने वाले टैक्स क्रेडिट पर चर्चा करने से बच रही है।
शूमर ने चेतावनी दी, “अगर बातचीत नहीं हुई, तो ट्रंप और रिपब्लिकन खुद अमेरिका को अंधेरे में धकेलेंगे।”
ट्रंप का पलटवार, "कटौती के लिए रहें तैयार"
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस शटडाउन से आम नागरिकों को भारी नुकसान होगा। प्रोग्राम कटेंगे, सेवाएं रुकेंगी और नौकरियों पर तलवार लटकेगी। उनका कहना है कि वे इस प्रस्ताव को "क्लीन बिल" मानते हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
रिपब्लिकन नेता जॉन थून ने आशा जताई कि कुछ डेमोक्रेट अपनी पार्टी लाइन से हट सकते हैं और शटडाउन को खत्म करने में मदद कर सकते हैं।
पिछला शटडाउन बना था इतिहास
डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी 2018-19 में अमेरिका को इतिहास के सबसे लंबे शटडाउन का सामना करना पड़ा था। वह विवाद अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार निर्माण के फंड को लेकर हुआ था। तब यह शटडाउन पूरे 35 दिन चला, जिससे एयरपोर्ट्स और सरकारी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।
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