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russia ukraine war: यूक्रेन युद्ध के मध्य अमेरिका की विदेश नीति में चौंकाने वाला बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ संबंध सुधारने की कोशिश में हैं, इसका असर यूरोप से लेकर एशिया तक पड़ सकता है। हाल ही में सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी विदेश मंत्रियों की बैठक ने इस बदलाव को और स्पष्ट कर दिया है।
इस बैठक के बाद यूरोप में हलचल बढ़ गई है। फ्रांस, चीन और ब्रिटेन जैसे देश, जो यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। टेंशन में हैं कि कहीं उन्हें रूस-समर्थक शांति समझौते के लिए मजबूर न किया जाए। हालांकि, इस नई अमेरिकी कूटनीति का सबसे गहरा असर चीन पर पड़ सकता है, जिससे भारत को फायदा हो सकता है।
चीन पर गिरेगी गाज
विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि यूएस रूस के साथ अपने रिश्ते बेहतर करता है तो इससे चीन की वैश्विक रणनीति कमजोर हो सकती है। अब तक चीन रूस का प्रमुख आर्थिक और सैन्य सहयोगी रहा है। यूक्रेन जंग के दौरान चीन ने रूस से सस्ते दामों पर तेल और गैस खरीदी, जिससे मॉस्को को आर्थिक मजबूती मिली। अगर अमेरिका रूस के करीब आता है, तो चीन की ये रणनीति नाकाम हो सकती है।
चीन और भारत के बीच लद्दाख, अरुणाचल और हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य तनाव निरंतर बना हुआ है। अगर अमेरिका और रूस एक साथ आते हैं, तो चीन के विरुद्ध वैश्विक शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में होगा।