
tariff policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंततः मनमाने ढंग से टैरिफ लगाने का फैसला किया। इसके बाद अमेरिका समेत दुनिया भर के शेयर बाजार ध्वस्त हो गए। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश का ऑटोमोबाइल क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ। टैरिफ फैसले के बाद टाटा मोटर्स ने बड़ा फैसला लिया है। ब्रिटेन में टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर ने अमेरिका को कारों का निर्यात बंद करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी कंपनी के प्रवक्ता ने दी है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका जगुआर लैंड रोवर लक्जरी ब्रांड के लिए एक विशेष बाजार है। टैरिफ निर्णय के बाद हम अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ मिलकर नई व्यापारिक शर्तों पर काम कर रहे हैं। इस नीति के अनुसार, अप्रैल माह के लिए निर्धारित वाहन निर्यात को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। हम इसके लिए एक दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहे हैं।
कंपनी ने इससे पहले 2 अप्रैल को अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। उनके ब्रांड की मांग पूरी दुनिया में है। इसलिए व्यवसाय बदलती बाजार स्थितियों से निपटने का आदी है। अब हमारी प्राथमिकता दुनिया भर में अपने ग्राहकों की सेवा करना है। नई टैरिफ नीति से निपटना होगा।
जगुआर लैंड रोवर ब्रांड अपनी शुरुआत से ही अमेरिकी बाजार में अच्छी तरह पैठ बना चुका है। वित्तीय वर्ष 2024 में जेएलआर की 400,000 से अधिक इकाइयों में से लगभग 23 प्रतिशत अमेरिकी बाजार में बेची गईं। ये सभी वाहन ब्रिटिश संयंत्र से निर्यात किये जा रहे थे। टाटा मोटर्स ने 2008 में फोर्ड मोटर्स से जेएलआर को खरीदा था।
भारत पर लगाया गया 26 प्रतिशत टैरिफ
अमेरिका ने 2 अप्रैल से भारत पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया है। वियतनाम पर यह 46 प्रतिशत, चीन पर 43 प्रतिशत, इंडोनेशिया पर 32 प्रतिशत और थाईलैंड पर 36 प्रतिशत है। भारतीय निर्यातक, अमेरिका में आयात शुल्क का सामना कर रहे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में टैरिफ से निपटने में बेहतर स्थिति में हैं। भारत निवेश आकर्षित करके, उत्पादन बढ़ाकर तथा अमेरिका को निर्यात बढ़ाकर इसका लाभ उठा सकता है।