
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक बार फिर चौंकाने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले बड़े संघर्ष को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, भारत ने उनके इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
ट्रम्प ने एक रैली के दौरान अपने समर्थकों को बताया कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था और स्थिति युद्ध जैसी बन गई थी, तब उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों – नरेंद्र मोदी और इमरान खान – से फोन पर बात की थी। उनके अनुसार, 'यह एक बेहद खतरनाक स्थिति थी, जहाँ पांच विमानों को मार गिराया गया था।' ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता के बाद ही दोनों देश शांत हुए और युद्ध टल गया।
लेकिन भारत सरकार ने ट्रम्प के इस दावे को सिरे से नकार दिया है। भारत का हमेशा से यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दे, खासकर सीमा पार आतंकवाद से जुड़े मसले, द्विपक्षीय हैं और इनमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई ज़रूरत नहीं है। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा है कि इस मामले में अमेरिका ने कोई मध्यस्थता नहीं की थी।
यह घटनाक्रम बालाकोट हवाई हमले और उसके बाद भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के पाकिस्तान में पकड़े जाने और फिर उनकी रिहाई के समय का है, जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर था। ट्रम्प का यह दावा उस दौरान की घटनाओं को फिर से चर्चा में ले आया है।
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