Up kiran,Digital Desk : यह रहा रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और उस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयानों पर आधारित एक नेचुरल और इनसाइटफुल आर्टिकल।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी 'डील मेकर' वाली छवि के लिए जाने जाते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर उनका रवैया भी अब बिल्कुल साफ हो गया है। ट्रंप अपने 28 सूत्रीय शांति प्लान पर अड़ गए हैं। भले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Zelenskyy) और यूरोप के कई नेताओं को इस प्लान पर शक हो, लेकिन ट्रंप पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
बुधवार को 'एयर फोर्स वन' (अमेरिकी राष्ट्रपति का विमान) में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने जो कुछ कहा, उसने दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि अमेरिका अब इस युद्ध को किसी भी कीमत पर खत्म होते देखना चाहता है।
"बातचीत अच्छी चल रही है, लेकिन शर्त तो माननी होगी"
पत्रकारों ने जब ट्रंप से पूछा कि क्या वे उम्मीद कर रहे हैं कि जेलेंस्की उनसे मिलने अमेरिका आएंगे? इस पर ट्रंप का जवाब बेहद सीधा और थोड़ा सख्त था। उन्होंने कहा, "वह (जेलेंस्की) जरूर आना चाहेंगे और वो आ भी सकते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि उन्हें पहले समझौता (Deal) करना चाहिए।"
ट्रंप गुरुवार को अपने फ्लोरिडा वाले घर जा रहे थे, तभी उन्होंने यह बयान दिया। उनका कहना था कि बातचीत जारी है और प्रगति भी हो रही है, लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता कि आगे क्या होगा। यानी संदेश साफ़ है—स्वागत है, लेकिन पहले युद्ध विराम पर साइन कीजिए।
"मुझे लगा था यह आसान होगा, लेकिन..."
हमेशा अपनी शर्तों पर बात करने वाले ट्रंप ने एक बड़ी बात कबूल की है। उन्होंने फिर दोहराया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 8 युद्ध रुकवाए थे, लेकिन यूक्रेन और रूस की लड़ाई को रोकना 'सबसे मुश्किल काम' साबित हो रहा है।
ट्रंप ने कहा, "रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मेरे अच्छे रिश्तों की वजह से मुझे लगा था कि इस जंग को रुकवाना बाएं हाथ का खेल होगा। लेकिन, अब अहसास हो रहा है कि यह सबसे कठिन है, क्योंकि इस लड़ाई में दोनों तरफ 'नफरत' बहुत ज्यादा गहरी हो चुकी है।"
क्या है डेडलाइन?
जब उनसे पूछा गया कि क्या थैंक्सगिविंग (अमेरिका का एक बड़ा त्योहार) तक कोई शांति समझौता हो जाएगा? इस पर ट्रंप ने कहा कि उनके पास कोई तारीख या डेडलाइन नहीं है। उनका बस एक ही मकसद है कि यह युद्ध खत्म हो।
ट्रंप ने भावुक होते हुए कहा, "इस समय हर कोई इस संघर्ष से थक चुका है। दोनों तरफ भारी नुकसान हो रहा है, खासकर सैनिक मारे जा रहे हैं। लोग मर रहे हैं। यह सब रुकना चाहिए।"
कुल मिलाकर, ट्रंप अब पूरी ताकत लगा रहे हैं कि किसी तरह यह तबाही रुके, लेकिन इसके लिए वे यूक्रेन पर कड़ा दबाव बनाने से भी नहीं हिचक रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या जेलेंस्की ट्रंप की इस शर्त के आगे झुकते हैं या नहीं।
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