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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप या आपके घर में कोई भी बच्चा अमेरिका जाकर पढ़ने का सपना देख रहा है, तो यह ख़बर आपके होश उड़ा सकती है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2026 में होने वाले चुनावों के मज़बूत दावेदार, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump), ने एक ऐसी नई पॉलिसी का प्रस्ताव रखा है, जो अगर लागू हो गई, तो हज़ारों-लाखों भारतीय छात्रों के 'अमेरिकन ड्रीम' को चकनाचूर कर सकती है.

क्या है ट्रंप का यह नया और चौंकाने वाला प्लान?

ट्रंप का यह प्लान उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' (America First) नीति का ही एक हिस्सा है. इसके तहत, अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के लिए दो बहुत बड़े और सख़्त नियम लागू किए जाएंगे:

कुल विदेशी छात्रों पर 15% की सीमा: इसके तहत, अमेरिका की कोई भी यूनिवर्सिटी अपने कुल छात्रों में से 15% से ज़्यादा विदेशी छात्रों को दाख़िला नहीं दे पाएगी.

एक देश के लिए सिर्फ़ 5% का कोटा: यह नियम सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला है. इसके मुताबिक, किसी भी एक देश के 5% से ज़्यादा छात्रों को एक यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं मिल पाएगा.

इसका मतलब क्या है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं...

मान लीजिए, अमेरिका की किसी बड़ी यूनिवर्सिटी में 100 सीटें हैं. ट्रंप के नए नियम के बाद, उस यूनिवर्सिटी में कुल 15 से ज़्यादा विदेशी छात्र नहीं पढ़ पाएंगे. और, उन 15 विदेशी छात्रों में भी, भारत या चीन जैसे किसी एक देश के सिर्फ़ 5 छात्र ही हो सकते हैं.

यह नियम सीधा-सीधा भारत और चीन जैसे देशों को टारगेट करता है, जहाँ से सबसे ज़्यादा छात्र हर साल अमेरिका पढ़ने जाते हैं.

ट्रंप ऐसा क्यों करना चाहते हैं: डोनाल्ड ट्रंप का तर्क है कि विदेशी छात्र अमेरिकी छात्रों की जगह ले लेते हैं और बाद में अमेरिकियों की नौकरियां भी छीन लेते हैं. उनका मानना है कि इस पॉलिसी से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अमेरिकी छात्रों के लिए ज़्यादा सीटें खाली होंगी और अमेरिकी लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी सुरक्षित रहेंगे.

भारतीय छात्रों पर क्या होगा इसका असर?

अगर यह पॉलिसी लागू होती है, तो इसके नतीजे बहुत गंभीर होंगे:

प्रतिस्पर्धा आसमान छूने लगेगी: हज़ारों सीटों की जगह जब कुछ सौ सीटों के लिए मारामारी होगी, तो अमेरिका में एडमिशन पाना लगभग नामुमकिन जैसा हो जाएगा.

'अमेरिकन ड्रीम' टूट जाएगा: लाखों भारतीय परिवारों का वह सपना टूट जाएगा, जो वे अपने बच्चों को अमेरिका भेजकर पूरा करना चाहते हैं.

मेहनत पर फिरेगा पानी: जो छात्र सालों से इसकी तैयारी कर रहे हैं, उनकी सारी मेहनत बेकार हो सकती है.

तो अब आगे क्या: यह जानना बहुत ज़रूरी है कि यह अभी सिर्फ़ एक प्रस्ताव है. यह अभी क़ानून नहीं बना है. यह तभी लागू होगा जब डोनाल्ड ट्रंप 2026 का चुनाव जीतेंगे. लेकिन, इस ख़बर ने यह साफ़ कर दिय,ट्रंप सत्ता में आते हैं, तो अमेरिका में पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्रों की राह बहुत मुश्किल होने वाली है.