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Up Kiran, Digital Desk: तुर्की के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है। टाटा समूह की यह एयरलाइन अब अपने विमानों की मरम्मत के लिए तुर्की की कंपनी टर्किश टेक्निक पर कम निर्भर रहेगी। कंपनी के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एयर इंडिया अब अपने बोइंग 777 और 787 विमानों को मरम्मत के लिए दूसरे देशों में भेजेगी। भारत सरकार भी तुर्की को लेकर कड़ा रुख अपना रही है। इसलिए एयर इंडिया ने यह फैसला लिया है। सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। तब से भारत में उनके उत्पादों और सेवाओं का बड़े पैमाने पर बहिष्कार हो रहा है।
विमान मरम्मत एक वैश्विक व्यवसाय है। जब स्थिति बदलती है तो इसमें थोड़ा समय लगता है। लेकिन हम राष्ट्रीय भावनाओं का ख्याल रखते हैं। हम यह भी देखते हैं कि लोग हमसे क्या चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि एयर इंडिया यह देखेगी कि भारत के लोग क्या चाहते हैं और उसके अनुसार काम करेगी, एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा।
तुर्की टेक्निक के पास कितना काम है
फ़िलहाल, तुर्की टेक्निक एयर इंडिया के कुछ बड़े विमानों की मरम्मत करती है। विल्सन ने कहा कि फिलहाल, एयर इंडिया को मरम्मत के लिए अपने विमान विदेश भेजने होंगे। कंपनी तुर्की टेक्निक समेत मध्य पूर्व, दक्षिण-पूर्व एशिया और अमेरिका की सुविधाओं का इस्तेमाल करेगी। हालांकि, वहां सिर्फ़ कुछ विमान भेजे जाएंगे। विल्सन ने कहा कि भारत को इस तरह के काम करने की क्षमता विकसित करने में समय लगेगा।
'हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, हम अपने विमान भेजने की जगह बदलेंगे। हम तुर्की को कम और दूसरे देशों को ज़्यादा विमान भेजेंगे। विमानों की मरम्मत की ज़रूरत है, इसलिए इसमें कुछ समय लगेगा। हम हाल के घटनाक्रमों को ध्यान में रख रहे हैं और अपनी योजनाओं में बदलाव करेंगे,' उन्होंने यह भी बताया।
तुर्की को झटका
एयर इंडिया के पास कुल 191 विमान हैं, जिनमें 64 बड़े विमान शामिल हैं। मई से ही भारत और तुर्की के बीच तनाव चरम पर है। इसने ऑपरेशन सिदुर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। फिर 15 मई को भारत के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी। इसकी वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताई गई। इसके बाद 30 मई को विमानन नियामक डीजीसीए ने इंडिगो को तुर्की एयरलाइंस से दो बोइंग 777 विमान पट्टे पर लेने के लिए अंतिम तीन महीने का विस्तार दिया। यह विस्तार 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
इसका मतलब यह है कि भारत सरकार तुर्की के साथ अपने संबंधों को लेकर सतर्क है। एयर इंडिया भी सरकार के इस फैसले का समर्थन कर रही है। इसलिए अब एयर इंडिया अपने विमानों की मरम्मत के लिए तुर्की की तकनीकों पर कम निर्भर होगी और दूसरे देशों में उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल करेगी।
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