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Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के लिए संशोधित वक्ताओं की सूची में एक बड़ा बदलाव हुआ है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार सालाना उच्च स्तरीय सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। अब उनकी जगह विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 27 सितंबर को भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इससे पहले जानकारी थी कि प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को भाषण देंगे। लेकिन अब तय हुआ है कि भारत की विदेश नीति और वैश्विक दृष्टिकोण को इस बार जयशंकर प्रस्तुत करेंगे। यह बदलाव भारत की कूटनीतिक प्राथमिकताओं और वैश्विक मंचों पर रणनीतिक संतुलन को दर्शाता है।
वैश्विक संकटों की छाया में शुरू होगा सत्र
UNGA 2025 का यह सत्र ऐसे वक्त में शुरू हो रहा है जब दुनिया कई बड़े संकटों से जूझ रही है। इज़राइल-हमास युद्ध, यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता सत्र की बहस के केंद्र में रहेंगे।
परंपरा के अनुसार, ब्राज़ील 23 सितंबर को बहस की शुरुआत करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो अपने दूसरे कार्यकाल में हैं, इसी दिन भाषण देंगे। यह उनका मौजूदा कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में पहला संबोधन होगा।
26 सितंबर को मंच पर कई प्रभावशाली नेता होंगे, जिनमें चीन, इज़राइल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के प्रमुख शामिल हैं। ऐसे में 27 सितंबर को भारत का संदेश देना रणनीतिक रूप से अहम होगा।
इस बार का विषय: एक साथ बेहतर
इस साल महासभा की थीम है: 'एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक'। यह विषय वर्तमान समय में संयुक्त प्रयासों की ज़रूरत को रेखांकित करता है।
इस सत्र के दौरान कई उच्च स्तरीय बैठकों की योजना है, जिनमें जलवायु संकट, लैंगिक समानता, आर्थिक स्थिरता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक नीति और स्वास्थ्य जैसे विषय शामिल हैं।
भारत की भूमिका और जयशंकर की रणनीति
विदेश मंत्री एस जयशंकर, जो एक अनुभवी रणनीतिकार माने जाते हैं, वैश्विक मुद्दों पर भारत का स्पष्ट रुख पेश करेंगे। वे जलवायु परिवर्तन, बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक दक्षिण की आवाज को मजबूती से रख सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा भारत के लिए केवल भाषण देने का मंच नहीं है, बल्कि यह कूटनीतिक वार्ताओं और रणनीतिक साझेदारियों को मज़बूत करने का अवसर भी है।