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Up Kiran, Digital Desk: यूपी में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी को हुई मौनी अमावस्या की भगदड़ को लेकर बड़ा राज फाश हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संगम नोज पर हुई इस भगदड़ में 37 लोगों की मौत हुई थी, जिनके परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मृतकों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, उस दिन कम से कम 82 लोगों की मौत हुई थी। इसमें से 26 ऐसे परिवार भी मिले जिन्होंने अपने किसी सदस्य को भगदड़ में खोया, लेकिन उनका नाम आधिकारिक मृतकों की सूची में शामिल नहीं था।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को अपनी बड़ी सफलता के रूप में प्रस्तुत करती रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी ने सदन में इस भगदड़ की घटना की जानकारी देते हुए 37 मौतों की पुष्टि की थी।
नई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में की गई जांच में सौ से ज्यादा परिवार मिले जिन्होंने अपने अपनों की मौत भगदड़ में होने की बात स्वीकार की। इनमें से 82 परिवारों ने अपनी बात के ठोस सबूत भी पेश किए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में चार अलग-अलग जगहों पर भगदड़ हुई थी, जहां लोगों की जानें गईं। मुख्यमंत्री के अनुसार 37 मौतों में से 35 परिवारों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है, जो सीधे ट्रांसफर या चेक के जरिए मिला।
बीबीसी की रिपोर्ट में दावा है कि जांच के दौरान ऐसे 26 परिवार मिले जिन्हें 5-5 लाख रुपये नकद दिए गए, और उनके पास यूपी पुलिस द्वारा ये राशि देते हुए फोटो और वीडियो भी मौजूद हैं। कई परिवारों ने बताया कि उनसे जबरन ऐसे कागजात पर हस्ताक्षर कराए गए, जिनमें मौत को अचानक तबीयत खराब होने का कारण बताया गया। इसके अलावा 19 ऐसे परिवार भी मिले जिन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला।
रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ में मारे गए 82 लोगों के परिवारों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: पहली श्रेणी में वे हैं जिन्हें 25-25 लाख रुपये मिले, दूसरी में वे जिनको 5-5 लाख रुपये नकद मिले, और तीसरी श्रेणी में वे परिवार जिनको कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। 5-5 लाख रुपये पाने वाले 26 परिवारों में 18 उत्तर प्रदेश, 5 बिहार, 2 पश्चिम बंगाल और 1 झारखंड से हैं, लेकिन यह पैसे कानूनी तरीके से दिए जाने का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है।
तीसरी श्रेणी में 19 परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरकार से कोई सहायता नहीं मिली। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मृतकों की संख्या 82 से अधिक हो सकती है, और जिन 82 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, उनके लिए ठोस सबूत और चश्मदीद गवाह मौजूद हैं।
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