
बिहार के जमुई जिले के अम्बा गांव में एक बेहद दिलचस्प और चौंकाने वाला शादी का मामला सामने आया है। गुरुवार की देर रात उस समय गांव के लोग हैरानी में पड़ गए, जब अजीत कुमार अचानक अंजली कुमारी को साथ लेकर मंदिर से शादी कर सीधे अपने घर पहुंच गया। यह दृश्य देखने के लिए गांववालों की भीड़ उमड़ पड़ी और हर तरफ इस घटना की चर्चा शुरू हो गई।
परिवार के अरमानों पर फिरा पानी
सबसे बड़ी हैरानी की बात यह रही कि अजीत और अंजली की शादी पहले से तय थी और अगले महीने यानी 9 मई को उनके विवाह की तारीख निर्धारित की गई थी। परिवार दोनों ओर से तैयारियों में जुटा था—कार्ड छप चुके थे, रिश्तेदारों को न्योता भेजा जा चुका था, लेकिन अजीत और अंजली को शायद इतना इंतजार मंजूर नहीं था। उन्होंने तय तारीख से पहले ही खुद ही मंदिर में शादी कर ली और सीधे घर लौट आए। इस कदम से घरवालों के अरमानों पर पानी फिर गया।
ढोल-बाजे और बारात को करना पड़ा रद्द
अजीत और अंजली की इस अचानक शादी से दोनों परिवारों को भारी झटका लगा। जो शादी धूमधाम से तिलक, बारात और ढोल-नगाड़ों के साथ होनी थी, वो एक सादा मंदिर विवाह में बदल गई। शादी की सारी तैयारियां, रस्में और आयोजन रद्द करने पड़े। ऐसा नहीं था कि दोनों परिवार इस रिश्ते के खिलाफ थे, लेकिन इस जल्दबाजी ने सबको चौंका दिया।
ऐसे शुरू हुई प्रेम कहानी
अजीत कुमार, जो अम्बा गांव के दशरथ मंडल के बेटे हैं, और अंजली कुमारी, खैरा प्रखंड के सगदाहा गांव निवासी प्रकाश रावत की बेटी हैं। जब दोनों की शादी तय हुई, तब से ही उनके बीच फोन पर बातचीत शुरू हो गई थी। बातचीत धीरे-धीरे गहरे प्रेम में बदल गई। एक-दूसरे के बिना रहना मुश्किल होता चला गया और फिर अजीत ने अचानक फैसला लेते हुए गाड़ी उठाई और अंजली के घर पहुंच गया। दोनों नवीनगर के दुर्गा मंदिर पहुंचे और वहां एक शांत तरीके से शादी कर ली।
लड़की ने वापस लौटने से किया इनकार
जब अजीत, अंजली को लेकर घर पहुंचा, तो देर रात लड़की के घरवाले भी वहां पहुंच गए। उन्होंने अंजली को वापस लाने की जिद की, लेकिन अंजली ने अपने पति अजीत के साथ रहने की इच्छा जाहिर की और घर जाने से इनकार कर दिया। इससे स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण हो गई।
समझौते के बाद सामाजिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई शादी
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, शुक्रवार की शाम दोनों परिवारों की सहमति से पतनेश्वर धाम मंदिर में एक बार फिर विवाह संपन्न कराया गया, लेकिन इस बार सामाजिक रीति-रिवाजों और परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति में। दोनों पक्षों ने मिलकर इस रिश्ते को अब पूरी तरह स्वीकार कर लिया है।
इस तरह यह प्रेम कहानी एक फिल्मी मोड़ लेकर शादी में तब्दील हो गई। गांव में इस शादी की खूब चर्चा हो रही है—कुछ इसे साहसी कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे जल्दबाजी का फैसला बता रहे हैं। लेकिन अंत में, प्यार ने जीत हासिल की और दोनों प्रेमी एक-दूसरे के जीवनसाथी बन गए।